रचयिता : मोहम्मद सलीम रज़ा
=====================================================================================================================
तेरा प्यार
दिल में बसा है तेरा प्यार गोरिए
कर लेने दे मुझे दीदार गोरिए
सपनो में आके क्यूँ मुझे तड़पती हो
अपना बनाले दिलदार गोरिए
oo
जाना तेरे दिल को बेक़रार करूँगा
जी भर के तुझे आज प्यार करूँगा
तेरे लिए चांदनी का सेज लगा दूँ
चाँद सितारों से तेरी मांग सजा दूँ
तुझपे ये ज़िंदगी निसार गोरिए
oo
पतली कमर मत ऐसे बल खा
सोंडा सोंडा मुखड़ा न बांहों में छुपा
सजनी दीवानी यूँ न अँखियाँ चुरा
तेरे सुने जियरा में हमको बसा
प्यार करूँगा बे – सुमार गोरिए
oo
सोड़े-सोड़े मुखड़े पे जादू तेरे जाना
तेरे पीछे पड़ गया सारा ज़माना
मुझ सा दीवाना न तू पाएगी दीवानी
तुझपे निसार किया सारी ज़िंदगानी
किया नहीं जाता इन्तज़ार गोरिए
परिचय :- नाम – मोहम्मद सलीम रज़ा
शायरी नाम – सलीम रज़ा रीवा
तख़ल्लुस – ”रज़ा”
जन्म स्थान – मध्य प्रदेश का रीवा ज़िला
जन्म दिन – 15.07.1975
तालीम – उर्दू में स्नातक
नौकरी – ब्रान्च मैनेजर लाइफ़ इन्सुरेंस
रचना प्रकाशन – कई पत्र पत्रिकाओं में रचना प्रकाशित
रचना पाठ – आकाशवाणी में कई प्रकाशन, दूरदर्शन में रचना प्रसारण, कई मुशायरे एवं कवि गोष्ठी में रचना पाठ
रचना विधा – गीत, ग़ज़ल, क़तआत, नात – ए – मुबारिक, हम्द
उपलब्धि – महकते हुए फूल
प्रकाशन के लिए तैयार – गुलशन -ए -रज़ा
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…