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जन्मदिन तुम्हारा

रेशमा त्रिपाठी 
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

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जन्मदिन हैं तुम्हारा, यह मेरा पैगाम हैं तुमको
जीना जिंदगी अपनी, सब कुछ भूल कर के तुम।

अपने अरमानों को पूरा करना, हौंसलों से तुम
सब कुछ भूल करके, एक नई शुरुआत करना तुम।

अनुभव के ज्ञान से, निष्कर्ष पर पहुंचना तुम
ज़िन्दगी का हर एहसास अपनी दृष्टिकोण से देखना तुम।

ओंस की बूंदों के जैसें, तुम ही गिरना,
तुम संभालना, अपनी ही चेतना से
सब कुछ भूल कर के एक नई शुरुआत करना तुम।

अब तक जो बितायी ज़िन्दगी, उसे याद रखना तुम
किन्तु खुद को मत मिटाना, यह सदैव याद रखना तुम।

किसी के यादों में, बातों में, नजरों में,
अब उठने की कोशिश मत करना तुम
छोड़ दो रूठना, मनाना, जताना, अग्नि परीक्षा देना तुम।

ज़िन्दगी एक सफर हैं, अब किसी के लिए रुकना नहीं तुम
सब कुछ भूल कर, एक नई शुरुआत करना तुम।

जन्मदिन तुम्हारा हैं यह मेरा पैंगाम हैं तुमको
जीना ज़िन्दगी अपनी, सब कुछ भूल कर के तुम।।

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परिचय :- रेशमा त्रिपाठी 
निवासी :
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश


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