Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

तुम लौट आओगे

**********

ज्योति शुक्ला
औरैया (उत्तर प्रदेश)

ग़म जुदाई के सताएंगे तो तुम लौट आओगे
आंख में अश्क आएंगे तो तुम लौट आओगे

टूटी नाव के सहारे ना लग पाओगे पार तुम तो
लहर संग तूफान आएंगे तो तुम लौट आओगे

याद रखना कोई आसान नहीं है जमाने में
दर्दे दिल रोज़ सताएंगे तो तुम लौट आओगे।

पूंछ-पूंछ कर मेरे बारे में तुम से जमाने के लोग
बागवां दिल का जलाएंगे तो तुम लौट आओगे।

मुझ से खफा हो के जाने वाले रखना याद
ख्वाब मेरे जब आएंगे तो तुम लौट आओगे।
.

परिचय :- कवयित्री ज्योति शुक्ला का जन्म १५ जुलाई सन् १९८८ को जिला औरैया उत्तर प्रदेश में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा औरैया एवं उच्च शिक्षा कानपुर विश्व विद्यालय से प्राप्त किया। ज्योति शुक्ला एक कुशल गृहिणी होने के साथ ही वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं।समाजिक विद्रुपताओं, सामाजिक विसंगतियों, मानवीय संवेदना से परिपूर्ण काव्य लेखन के माध्यम से साहित्य क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। कवयित्री ज्योति शुक्ला की रचनाएँ हिन्दुस्तान के राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित हो रही हैं। वहीं आकाशवाणी के विविध केंद्रों से ज्योति शुक्ला की रचनाओं का प्रसारण समय-समय पर होता रहता है। देश के विविध साहित्यिक मंचो से सम्मानित कवयित्री ज्योति शुक्ला वर्तमान समय में हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। अपनी माँ को खोने के पश्चात जिंदगी में दुख भरे समय को उन्होंने कलम के माध्यम से कागज में उतार जनमानस के बीच पहुंचाया है। वहीं समाजिक सरोकार से जुड़े कार्य के लिए भी सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *