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नारी तुम हो अनंत

दिनेश कुमार किनकर
पांढुर्ना, छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)

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नारी तुम हो अनंत!…….
तुम सृष्टि की जीवन आधार,
तुम सृष्टि की अनंत उदार,
तुम सृष्टि की शक्ति अपार,
तुम सृष्टि की मूरत साकार,
तुम समान भगवंत…..
नारी तुम हो अनंत!…..

तुम बहिना तुम हो वनिता,
तुम धात्री तुम हो दुहिता,
तुम श्यामा तुम हो प्रियता,
तुम सखी तुम हो ममता,
तुम ओजवान अत्यंत,
नारी तुम हो अनंत……

तुम हो दुर्गा तुम्ही भवानी,
तुम हो भावजगत कल्यानी,
तुम राधा, मीरा प्रेम दीवानी,
तुम हो प्राणतत्व की दानी,
तुम्हे प्रणाम जगवंत,
नारी तुम हो अनंत……..

परिचय –  दिनेश कुमार किनकर
निवासी : पांढुर्ना, जिला-छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र :  मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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