Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सवालों से परे लिखो

प्रीति शर्मा “असीम”
सोलन हिमाचल प्रदेश

********************

क्या……?
कब…….!
क्यों………. ?
किस लिए……!
के
प्रश्नों में,
क्यों हम उलझते है।

लिखावटों से ,
पीढ़ी दर पीढ़ी के,
सोपान जब बदलते है।

क्या लिखूँ…..

यह सोच कर,
कलम रूक न जायें।

वो लिखों …
सोच जहाँ थम न जायें।
जिंदगी के सोपानों से होती हुई।
क्षितिज तक लें जायें।

जिंदगी के तमाम पहलू,
लिखों।
कुछ आम,कुछ खास,
लिखों।।

ईश्वर को, अभार व्यक्त करते हुयें।
जीवन की कहानी
लिखों।
वेदों की जीवन में, बहती रवानी।
लिखों।।

लिखों………..
मानवता सर्द क्यों हो गई है।
ईश्वर की बनाई।
स्वर्ग रूप धरती को,
नरक में क्यों झोंक रही है।

लिखों……….

दिलों में अब,
प्रेम के बीज।
अंकुरित क्यों होते नही अब।

मानवता अपने हाल पर।
क्यों…..
यार-यार रो रही है।

लिखों………
हम क्यों अपनी,
सभ्यता भूला गये।

हम तो…..
अंधविश्वासों से ,
लड़ने वाली सभ्यता है।

हम क्यों….
ढ़ोंगी बाबाओं के चक्रों में आ गये।

लिखों…….

जिस बेटी की,
आज़ादी के लिए लड़े थे।
आज बाहर,
कदम रखते ही उसपे क्यों…?
सवाल खड़े है।

लिखों…….
जिंदगी क्यों…….!
भाग रही है।
मौत की तरफ।

क्यों हम,
लाशों के ढेर पर जी रहे है।

मानवता को सींचने वाले,
प्रेम के रस में।
क्यों हम ,
नफरतों का विष घोल रहे है।

लिखना और लिखते रहना।
ताकि…..

सारे न सही,
कुछ तो सही।

अपने अस्तित्व को पहचान सके।
खुद से साक्षात्कार कर,
खुद को जान सके।
मानवता के पथ को पा सके।।

परिचय :- प्रीति शर्मा “असीम”
निवासी – सोलन हिमाचल प्रदेश


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *