होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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सदा दर्द में जीती आई, मिला नहीं न्याय,
सदियों से शोषित रही, होता रहा अन्याय,
आजीवन कष्टों में रहती, कहलाती बेचारी,
चीर हरे, कभी हरण करे, जग व्याभिचारी।कमजोर नहीं काम में, फिर भी है अबला,
उसकी सुंदरता समक्ष, पुरुष बजाये तबला,
न्याय की खातिर जगत, दर-दर भटके नारी,
काम वासना के लिए, बहुतों को लगे प्यारी।सतयुग में तारामती, करती थी घर में काम,
हरिश्चंद्र मरघट करे, बिके सरदार डोम नाम,
रोहित उनका मारा गया, पहुंची मरघट द्वार,
न्याय नहीं मिला वहां, अंत में जीत गई हार।त्रेता में सीता नारी, रावण ने किया अपहरण,
सीता को न्याय मिले, श्रीराम पहुंचे तब रण,
रावण पापी नष्ट हुआ, देर में मिला था न्याय,
फिर एक जन बोल से, वन गमन था अन्याय।द्वापर युग भी नहीं भला, द्रोपदी का हरा चीर,
भटकती रही हर द्वार पर, कृष्ण हर लिया पीर,
द्रोपदी के चीर हरण का, भीषण हुआ नर संहार,
पांडव जग में जीते थे, कौरव गये युद्ध में हार।हर युग में सहती आई, अन्याय पर ही अन्याय,
दे रही आज दुहाई, कर दो अब तो कोई न्याय,
आयेगा कल्कि अवतार, कर देता नारी का न्याय,
विष्णु लीला को देखना, करो मिलन का उपाय।।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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