Friday, November 8राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कामना

रचयिता : अर्चना मंडलोई

===========================================================================================================

कामना

वह लकडियों के ढेर के बीच बैठा, उनिंदा सा जली हुई लाशों की राख के ढेरों को देख रहा था।
अपनी जर्जर होती काया को सहलाते हुए सोचने लगा – लाशों को जलाने के लिए लकडियाँ बेचते-बेचते एक दिन स्वयं भी राख के ढेर में बदल जाऊँगा। निर्धनता और जीविकोपार्जन की कोशिशों ने इस श्मशान में रहते-रहते मेरे जीवन को भी मृतप्राय बना दिया हैं।
उसने आसमान की ओर देखा -! सूर्यास्त का समय होने को था – कातर आँखों से अपने पाँच वर्षीय पुत्र की ओर देखते हुए वह सोचने लगा – क्या आज एक भी लाश नहीं आयेगी? क्या आज रात का भोजन नहीं बन पाएगा?
तभी रघु पति राघव की धुन उसके कानों पर पडी ! उसने अपनी सोच को विराम दिया, और फुर्ती से उठकर लकडियाँ तोलने की तैयारी करने लगा।
तराजू के हिलते पलडों के बीच वह स्वयं को तोलने लगा! क्या जीवन जीने के लिए किसी की मृत्यु की भी कामना करना होगी? काश यूँ न होता।

लेखिका परिचय : इंदौर निवासी अर्चना मंडलोई शिक्षिका हैं आप एम.ए. हिन्दी साहित्य एवं आप एम.फिल. पी.एच.डी रजीस्टर्ड हैं, आपने विभिन्न विधाओं में लेखन, सामाजिक पत्रिका का संपादन व मालवी नाट्य मंचन किया है, आप अनेक सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं में सदस्य हैं व सामाजिक गतिविधियों मे संलग्न।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *