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जीत आसान और कठिन है हारना

दीवान सिंह भुगवाड़े
बड़वानी (मध्यप्रदेश)

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जीत आसान और कठिन है हारना
गिर कर उठना फिर संभल कर चलना
खाकर ठोकरे भी तुम ना विचलना
मुसीबतों में गिर कर भी तुम ना पिघलना।

हालातों में इस कदर खुद को ढालना
दृढ़ संकल्प आत्मविश्वास अटूट पालना
बीच राह आए काटे तो तुम हटाते बढ़ना
साथ ना देगा कोई भी खराब है जमाना।

गर मिले हार तो भी तुम ना घबराना
सोच सकारात्मक अपनी हमेशा रखना
महत्वपूर्ण जितना है जहां में जीत जाना
जरूरी है उससे भी अधिक कुछ सीख पाना।

मिले ना जब तलक मंजिल चलते रहना
कमजोरियां अपनी किसी से ना कहना
शिक्षा ही जीवन का अनमोल है गहना
रोशन कर जीवन,यह देगी हमें हार पहना।

पसीने की बूंदों से अपने तुम खुद को सींचना
रिवाज है यहां बढ़ते हुए को पीछे खींचना
मंजिल भी मिलेगी “दिवान” पूरा होगा हर सपना
लंबा सफर नापना,मगर कभी शॉर्टकट ना अपनाना।

परिचय :- दीवान सिंह भुगवाड़े
निवासी : बड़वानी (म.प्र.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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