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याद रहोगे

संजय जैन
मुंबई

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हम सब एक
दिन मर जाएंगे।
इस संसार से
मुक्ति पा जायेंगे।
और छोड़ जाएंगे
अपनी लेखनी व कर्म।
जिस के कारण ही
याद किये जाएंगे।।

शब्दो के वाण
दिल को बहुत चुभते है।
दिलसे जुड़ी बातों
को ही याद रखते है।
भूल जाते है
जिंदा में जब लोग।
तो मरने के बाद
क्यों याद करेंगे।।

लोग करनी के कारण,
ही याद किये जाते है।
जो अच्छा करके जाते है,
वो ही याद आते है।
यदि किया नहीं कोई,
अच्छा काम जिंदगी में।
तो बाहर वाले क्या,
घर वाले ही भूल जाते है।।

मानव जीवन है अनमोल,
इसके मूल्य को समझे।
खुद जीये औरों को भी,
सुख शांति से जीने दे।
इस सिद्धांत को अपने,
जीवन में अपनाएंगे।
तो निश्चित ही लोगो के,
दिलो में जिंदा रह पाओगे।।

 

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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