Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जाने क्यों

रुचिता नीमा
इंदौर म.प्र.

********************

जाने क्यों ऐसे हो रहे है लोग
जाने क्यों ऐसे हो रहे है लोग
कि समझना ही नहीं चाहते खुद को,
या फिर बन्द कर लेते है आंखों को
देखकर भी नादान बने रहते है
आजकल लोग जाने क्यों ऐसे हो रहे….?

कोई गलत कर रहा, उसे करने दो….
कभी मन्दिर के नाम पर,
कभी मस्जिद के नाम पर,
बेवज़ह मुद्दों को खींचकर,
बस अपनी रोटी सेंक रहे है लोग

न धर्म बच रहा, न ईमान बच रहा….
अब तो ऐसा लग रहा कि
कहा इंसान बच रहा….?

बिक रहे बाजार में
जानवर भी, इंसान भी
और ईमान तो बहुत सस्ता बिक रहा….
जाने क्यों ऐसे हो रहे है लोग….?

यहाँ हर चीज की बोली लग रही….
शरीर का हर अंग तक अब बिक रहा….
लेकिन फिर भी जीवन का मोल खो गया,
जो छोटी छोटी बातों पर जान गवाने लग गए है लोग….
जाने क्यों ऐसे हो रहे है लोग….?

क्या इनकी तन्द्रा भी कभी टूटेगी,
या ये जिंदगी फिर ऐसे ही छूटेगी।
इनका जागना भी नमुमकिन है
कि ये जागते हुए सोने वाले है लोग….
जाने क्यों ऐसे हो रहे है लोग….?

परिचय :-  रुचिता नीमा जन्म २ जुलाई १९८२ आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *