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जाने क्यों

दामोदर विरमाल
महू – इंदौर (मध्यप्रदेश)

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लोग ना जाने क्यों घरों से बाहर जा रहें है।
और निकलते ही पुलिस के डंडे खा रहे है।
पता है की दूरी बनाने के आदेश आ रहे है।
फिर इकट्ठे होकर क्यों तमाशा बना रहे है।

कुनकुना पानी पीना है, साबुन से हाथ धोना है।
स्वच्छता बनाना है, घरों में लॉकडाउन होना है।
खुदतो नियम पालते नही दूसरों को बता रहे है।
इसीलिए तो रोज़ाना पुलिस के डंडे खा रहे है।

मोदी जी प्रणाम करना सबको सिखा रहे है।
संयम से रहना अबतो टीवी पर दिखा रहे है।
२२ को घण्टी ०५ को दीपक भी जला रहे है।
चौराहे पर प्रसाद के लिए साहब बुला रहे है।

बुरे समय मे भी लगता है अच्छे दिन आ रहे है।
तभी तो हंसते हंसते पुलिस के डंडे खा रहे है।

सरकार की सख्ती प्रशासन को गलत बता रहे हैं।
कुछ कहते है जनता को जबरजस्ती सता रहे है।
स्वास्थकर्मी भी आपके लिए अब मार खा रहे है।
खुद के परिवार को छोड़ आपके लिए आ रहे हैं।

ये देखने के बाद भी आप समझ नही पा रहे है।
तो फिर गलत नही है कि ये आप डंडे खा रहे है।

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परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके नानाजी थे। हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० एवं आपके द्वारा अभी तक कई कविताये, मुक्तक, एवं ग़ज़ल व गीत लिखे गए है, जो आये दिन अखबारों में प्रकाशित होते रहते है।  गायन के क्षेत्र कराओके गीत गाने में आप खासी रुचि रखते है।


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