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क्यों बेटी हुई तो मातम छाया…

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शुभम् पोद्दार
समस्तीपुर (बिहार)

क्यों बेटी हुई तो मातम छाया,
गर्भ में ही इसका खून बहाया,
दुनिया में लाने से पहले
इसे दुनिया से दूर कराया,
आखिर दोस उसका है क्या?
ईश्वर के दिए उपहार को
हमने क्यों ठुकराया,
क्यों दो घर की रोशनी को
हमने गर्भ में ही मरवाया?
जग जननी है यह जग कल्याणी भी,
प्रेम के सागर तले स्नेह का गागर है यह,
खुले आसमान का उड़ता हुआ बादल है यह,
तपती हुई सूरज तले छांव का चादर है यह
इसे भी जीवन का वर तो दो,
अरे इसे भी अपने जीवन जीने का मौका तो दो…

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परिचय :-  शुभम् पोद्दार समस्तीपुर (बिहार)


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