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सवाल क्यूं हैं

निर्मल कुमार पीरिया
इंदौर (मध्य प्रदेश)

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गर हैं तलाश-ए-वजुद तो, इतना बवाल क्यूं हैं,
एक सांस ही तो ली हैं, हजार सवाल क्यूं हैं…

हैं हसरत-ए-परवाज और हौसले बुलंद भी,
जब आँधिया भी साथ तो, गगन गेरो सा क्यूं हैं…

हो मुबारक-ए-अजान औ सज़दे नबी के तुम्हें,
हैं ख़ुदाई इश्क़ मेरा, जहांन को शिक़वे क्यूं हैं…

दौर-ए-ज़ोर-ए-आज़माईश, ख़ुदी से हैं “निर्मल”,
हैं हवा भी सँग लौ फिर, ख़ौफ-ए-स्याह क्यूं हैं…

परिचय :- निर्मल कुमार पीरिया
शिक्षा : बी.एस. एम्.ए
सम्प्रति : मैनेजर कमर्शियल व्हीकल लि.
निवासी : इंदौर, (म.प्र.)
शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित और अप्रकाशित हैं


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