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आखिर क्यों…?

सुरेश चन्द्र जोशी
विनोद नगर दिल्ली
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बने अगर विश्वस्तरीय
मोहल्ला क्लीनिक तो
विद्यालयों में
टीकाकरण होता क्यों?
बने अगर उत्कृष्ट
चिकित्सालय तो
निजी चिकित्सालय में
जाते परिवार आपके क्यों ?
प्रारूप शिक्षा का आप
सराहते रहते तो
नकल विधि-निदेशक
सिखाते क्यों?
सराहा कहते प्रारूप
शिक्षा का विश्व ने तो
निजी विद्यालयों में
निज बच्चे पढ़ाते क्यों ?
व्यवस्था स्वास्थ्य की
उत्कृष्ट आपकी तो
केंद्र से सहायता
मांगते हो क्यों ?
स्वयं न कर पाए
प्राणवायु व्यवस्था तो
विधायक आपके छुपाए
पकड़े जाते क्यों ?
कर्मठता अगर
थी आप मैं तो
न्यायालय द्वारा
शुतुर मुर्ग कहलाए क्यों ?
दिया आदेश
उच्चतम न्यायालय ने तो
जांच (औडिट) होगी तो
घबराते आप ही क्यों ?
जाते नहीं हो
क्षेत्रों में अपने तो
मात्र प्रेस वार्ता ही
करते हो क्यों ?
बने हो स्वयं
अकर्मण्य अति तो
दूसरों पर राजनीति
करते हो क्यों ?
हुए हैं सौ
चिकित्सक शहीद तो
एक ही के घर में
जाते हो क्यों ?
काल है अत्यंत
विपदा का तो
शहीदों की आपदा में भी
अवसर ढूंढते हो क्यों ?
क्यों…? क्यों…?
आखिर क्यों…?

परिचय :-सुरेश चन्द्र जोशी
शिक्षा : आचार्य, बीएड टीजीटी (संस्कृत) दिल्ली प्रशासन
निवासी : विनोद नगर दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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