विनोद वर्मा “आज़ाद”
देपालपुर
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प्राथमिक संस्था में छात्र/छात्राओं काठहराव होने के साथ प्रारंभिक स्तर पर जहां पुस्तक पढ़ना, ऐकिक नियम तक के सवाल करना, अंग्रेजी मे छोटे वाक्य समझने के साथ चाल-चलव अंग्रेजी समझ लेते है। पर्यावरण में अपने आसपास के वाता वरण को समझकर चिंतन करने बालसभा खेल की प्रथम पाठ शाला इतना ज्ञान प्राप्त कर लेते है।
माध्यमिक में आने पर उसे नया माहौल मिलता है। जहां गुरु पूर्णिमा, शिक्षक दिवस, तुलसीदास आदि जयन्तियां मनाने के साथ नियमित उपस्थिति, सख्ती प्रार्थना, खेलकूद, बाल सभा क्रिकेट, खो-खो,कबड्डी के साथ साहित्यिक एवम सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सहभागिता करने का अवसर मिलता है।
प्राथमिक में एक क्लास को एक शिक्षक ही पूरे समय पढ़ाते है जबकि माध्यमिक में पीरियड पद्धति प्रारम्भ होती है। हर पीरियड पश्चात नए शिक्षक पढ़ाने आते है यानि विषय शिक्षक, यह रोचकता प्रदान करता है ।
यहां ठहराव के साथ बच्चे नियमित रहे, माता-पिता का प्रयास ज़्यादा होता है। यहां छात्र को हर विधामें तराशने का कार्य किया जाता है। नियमित समय पर उपस्थित हो, प्रतिदिन गृहकार्य के साथ कक्षा कार्य भी हो और खेलकूद, व्यायाम (पीटी), नए-नए खेलों के साथ वार्षिकोत्सव मनाया जाना भी छात्रों को रास आता है। फिर कुछ समझदारी छात्रों में जागृत होती है वह सोच कर क्या बनेगा? इतना जरूर बताना शुरू कर देता है साथ ही लक्ष्य बनाने की शुरुआत भी यहीं से होने लगती है। यहां दो की बजाय तीन भाषाओं के साथ क्लिष्टशब्दावली, सवाल और विज्ञान के साथ सामाजिक विज्ञान भी नए विषय के रूप में जुड़ते है। यहां छात्र/छात्राओं को बहुत ज़्यादा व्यस्त होना पड़ता है। इसी कारण सतत पढ़ाई, लिखाई और कड़ाई (सख्ती) के कारण छात्र बन्ध जाते है और वे धीमे-धीमे उक्त माहौल में ढल जाते है। यहां मित्रता भी परवान चढ़ने लगती है। एक दूसरे साथी के घर आना-जाना फिर परिवारजनों के द्वारा बच्चो से प्रेम की भाषा मे बात कर टॉफी-बिस्किट देना भी इनके विचारों में बद लाव का कारण बनता है। यहीं से गाढ़ी मित्रता की शुरुआत होती है। देशी खेलों के साथ कुछ विदेशी खेल भी उनमें परिवर्तन लाते है। भाषणबाजी, वादविवाद, तात्कालिक भाषण, निबंध लेखन, शुद्ध-सुंदर लेखन, दौड़, ऊँची-लम्बी कूद, गोला-चक्का फैंक, नाटक, गीत, भजन आदि यहीं छात्र सीख लेते है।
एक बात और अगर बच्चों को देर से आने, मस्ती करने गृहकार्य नहीं किए जाने के फल स्वरूप दण्ड (प्रतिबंधित) की बजाय पुरस्कार के रूप में उन्हें दौड़ लगवाई जाए, बैठक, बबलिंग, साइकलिंग करवाई जाए तो महत्व पूर्ण फायदा होता है। ६ ठी से ८ वीं के पश्चात जब हाई स्कूल में छात्र जाता है और वहां भी खेलकूद में भाग लेता है तो निश्चित ही उसकी लंबाई १० वीं तक जाते-जाते एक से डेढ़ फीट बढ़ती है, यह मेरा अनुभव शेयर कर रहा हूँ। मेरे अनेकों विद्यार्थी के माता-पिता की औसत लम्बाई रही जबकि छात्रों की आश्चर्यजनक रूप से लम्बाई ज्यादा हुई। इसके उदाहरण देखना होतो छात्रों से रूबरू मिलकर इसका सत्यापन किया जा सकता है।
यहां छात्र पूरी तरह तराश दिए जाते है। छात्र यहां से सोचना प्रारम्भ करता है कि मैं अब बड़ा हो गया हूँ, समझदारी भी मुझमें आ रही है।मम्मी-पापा, दादा-दादी भी मुझ पर विश्वास करने लगे है। इसलिए मुझे अब जी-जान से पढ़ाई हेतु जुट जाना चाहिए। कुछ प्रतिशत की सोच नकारात्मक हो सकती है। दूरदर्शन युग के साथ अब मोबाइल युग है लगभग अधिकांश छात्र/छात्राएं मोबाइल संचालन कर लेते है। कई विद्यार्थी तो टेबलेट और लैपटॉप भी चला रहे है। यानी प्राथमिक और माध्यमिक पूर्ण करने वाले छात्र नग यानी हीरा, पन्ना के रूप प्राप्त कर चुके होते हैं? चूंकि अब ८ वीं की परीक्षा मैं छात्र फेल भी होंगे इसलिए इसके असली परिणाम अब देखने को मिलेंगे !!……
लेखक परिचय :-
नाम – विनोद वर्मा “आज़ाद” सहायक शिक्षक (शासकीय)
एम.फिल.,एम.ए. (हिंदी साहित्य), एल.एल.बी., बी.टी., वैद्य विशारद पीएचडी. अगस्त २०१९ तक हो जाएगी।
निवास – इंदौर जिला मध्यप्रदेश
स्काउट – जिला स्काउटर प्रतिनिधि, ब्लॉक सचिव व नोडल अधिकारी
अध्यक्ष – शिक्षक परिवार, मालव लोकसाहित्य सांस्कृतिक मंच म.प्र.
अन्य व्यवसाय – फोटो & वीडियोग्राफी
गतिविधियां – साहित्य, सांस्कृतिक, सामाजिक क्रीड़ा, धार्मिक एवम समस्त गतिविधियों के साथ लेखन-कहानी, फ़िल्म समीक्षा, कार्यक्रम आयोजन पर सारगर्भित लेखन, मालवी बोली पर लेखन गीत, कविता मुक्तक आदि।
अवार्ड – सीसीआरटी प्रशिक्षित, हैदराबाद (आ.प्र.)
१ –आदर्श संस्कार शाला मथुरा द्वारा “शिक्षा रत्न अवार्ड”
२ –राज्य शिक्षा केन्द्र के अंतर्गत श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान,पीटीएस.इंदौर
३ –भाषा गौरव सम्मान-राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना म.प्र. इकाई।
४ –विश्व शिक्षक दिवस सम्मान-शिक्षक सन्दर्भ समूह।
५ –टीचर्स इनोवेटिव अवार्ड (राष्ट्रीय अवार्ड)
६ –नेशनल बिल्डर अवार्ड (हरियाणा)
७ –जिला कलेक्टर इंदौर द्वारा सम्मान।
८ –पत्रिका-समाचार पत्र टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड
९ –जिला पंचायत इंदौर द्वारा सम्मान।
१० –जिला शिक्षण एवम प्रशि क्षण संस्थान इंदौर द्वारा सम्मान।
११ – भारत स्काउट गाइड जिला संघ द्वारा सम्मान
१२ – लॉयन्स क्लब द्वारा सम्मान
१३ –दैनिक विनय उजाला समाचार पत्र का राज्य स्तरीय सम्मान
१४ –हिंदी साहित्य लेखन पर अम्बेडकर फेलोशिप।
१५ –राज्य कर्मचारी संघ, म.प्र.द्वारा सम्मानित
१६ –शासकीय अधिकारी, कर्मचारी संघ द्वारा सम्मान।
१७ –रजक मशाल पत्रिका परिषद द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान
१८ – देपालपुर प्रशासन, एसडीएम.द्वारा 15 अगस्त 2018 को सम्मान।
१९ –मालव रत्न अवार्ड,इंदौर
‘धारा’ पत्रिका द्वारा।
२० –श्री गौरीशंकर रामायण मंडल द्वारा सम्मान।
२१ –नगरपरिषद द्वारा सम्मान्
२२ –विवेक विद्यापीठ द्वारा सम्मान
२३ –जनपद शिक्षा केन्द्र द्वारा सम्मान।
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