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गणतन्त्र कहाँ है

रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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ऐ मेरे भारत बता तेरा वो गणतन्त्र कहाँ है
आजादी भले मिली हो पर हम स्वतंत्र कहाँ है
हर जगह दिखती यहाँ पर लाचारी और बेबसी
झूठ का है बोलबाला सच में कोई दम नहीं
इंसानियत के दाव पर हो रहा षडयंत्र यहाँ है
ऐ मेरे भारत बता तेरा वो गणतन्त्र कहाँ है
कहाँ गये वो कस्मे वादे हमने खायी थी कभी
हाथ में लेकर तिरंगा गा रहे थे हम सभी
सपनों सा सुंदर वो मेरा लोकतंत्र कहाँ है
ऐ मेरे भारत बता तेरा वो गणतन्त्र कहाँ है
संविधान की वो बाते पुस्तकों में रह गई
जिसने भी आवाज उठाई वो वही पर दब गई
सच्ची बातों को समझाये ऐसा वो मंत्र कहाँ है
ऐ मेरे भारत बता तेरा वो गणतन्त्र कहाँ है
कही देखो शिखर पर जा रही है बेटियाँ
कही देखो बर्बरता की शिकार हो रही है बेटियाँ
इस्पात के साँचे मे जो ढाले ऐसा वो सयंत्र कहाँ है
ऐ मेरे भारत बता तेरा वो गणतन्त्र कहाँ है
आजादी भले मिली हो पर हम स्वतंत्र कहाँ है

परिचय : रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
निवासी : मुक्तनगर, पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


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