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प्यार जब पास होता है …

प्यार जब पास होता है

रचयिता : डॉ. बी.के. दीक्षित (बिजू)

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यही तो स्वर्ग होता है,फूलों से करें बातें।
दिन में काम हों ज्यादा,बातों में कटें रातें।

तीरथ सब लगें फ़ीके,प्रकृति के पास जाते हों।
गीत में मीत रहता हो,सुनकर कुछ सुनातें हों।

अंतिम बार जब भगवन मांगेगा हिसाबों को।
थोड़ी देर पढ़ लेना मेरी ,,,,,,उन किताबों को।

मोहब्बत के बिना जीवन, का कोई सार ना होता।
कुछ भी बन न पाता मैं, अगर ये प्यार ना होता।

तुम्हारे मुस्कराने से,बस ये अहसास होता है।
लिखता ही रहे बिजू,प्यार जब पास होता है।

 

परिचय :- डॉ. बी.के. दीक्षित (बिजू) आपका मूल निवास फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. है आपकी शिक्षा कानपुर में ग्रहण की व् आप गत 36 वर्ष से इंदौर में निवास कर रहे हैं आप मंचीय कवि, लेखक, अधिमान्य पत्रकार और संभावना क्लब के अध्यक्ष हैं, महाप्रबंधक मार्केटिंग सोमैया ग्रुप एवं अवध समाज साहित्यक संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं।

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