होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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पता नहीं चल पाता है,
संदेश आकर जाता है,
कई कई दिन पढ़ते ना,
नहीं इनसे कोई नाता है।
पुराने वक्त का खत था,
आकर मन हर्षाता था,
गमी और खुशी सारी,
एक झलक कहता था।
खत जब आता था घर,
डाकिया चल आता था,
जोर से दरवाजे पर बोल,
खत हमको दे जाता था।
आस पास पता लगता,
इनके कोई चिट्ठी आई,
खुशी भरी खबर मिले,
सारे मोहल्ले खुशी मनाई।
गम भरा खत होता था,
सबको पता लग जाता,
पढ़कर वो समाचार ही,
गम हमें बहुत सताता।
अब क्या मोबाइल चले,
दिनभर करे आंखें खराब,
लगता चेहरा मानव का,
जैसे पी रखी हो शराब।
इंसान रखता मोबाइल है,
सोचता अपने को महान,
ये चीजें कभी ना बनाती,
इंसान की कोई पहचान।
पुरानी विचारधारा बनी,
मोबाइल नहीं खत रूप,
खत संदेश दे मन खुशी,
खत संदेश होता अनूप।
करते थे इंतजार दिनरात,
आयेगा कोई शुभ संदेश,
अच्छा संदेश जब मिले,
इच्छा ना रहती थी शेष।
अक्षर खत के पढ़कर हीं,
मन के विचार पढ़ लेते थे,
दूर बैठे पत्र, पढ़कर हम,
मन से आशीर्वाद देते थे।
होता था लेख में सुधार,
कला देखने को मिलती,
अच्छी लिखाई देख देख,
मन की कलियां खिलती।
काश लौट, आये पुराना,
चिट्ठी भेजने का जरिया,
कबूतर चिट्ठी लेकर आता,
औरत पढ़ती लगती परिया।।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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