होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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सूरत मनमोहक प्यारी,
आगे बढऩे की तैयारी,
देवजन की राजदुलारी,
नाजुक उम्र है तुम्हारी।सदा आगे यूं ही बढऩा,
अच्छे से तुम यूं पढऩा,
बस यही दुआ हमारी,
नाजुक उम्र है तुम्हारी।पढ़ लिख आगे बढऩा,
परहित के करना काम,
आएगा एक दिन ऐसा,
होगा पूरे जगत में नाम।मां बाप का करो नाम,
जन कीमत एक छदाम,
आनंद से घर में रहना,
घर होता है सुंदर धाम।सुख दुख आए जीवन,
डगमग जब करे नैया,
उस प्रभु का रख याद,
वो ही है जगत खेवैया।बिछुड़ जाए सारे साथी,
यादें बन आती बाराती,
बस आगे यूं ही बढऩा,
चाहे ना हो घोड़े हाथी।सच की है राह कठिन,
सुख नहीं दुख ही गिन,
बनेगी तब जग पहचान,
यूं बनना है तुम्हें महान।देंगे दगा जगत के लोग,
पाप कर्म लगते हैं भोग,
चुगली चाटा बुरे कहाते,
कैंसर भांति होते ये रोग।जाना हो धरती से कभी,
रो रोकर आंसू बहे सभी,
ऐसा दिन जब भी आये,
मानों जीवन सफल तभी।आना धरा पे हो सफल,
करना कभी नहीं नकल,
हर कठिनाई का है हल,
सच्चाई ताकत में है बल।बोझ बनके न जी कभी,
बोझ से रोये धरा हमारी
अभी तो जीवन जीना है,
नाजुक उम्र है तुम्हारी।।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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