Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

क्या तुम सचमुच खुश थी?

धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)

********************

पग पग पर
दिया साथ तूने
पल पल कष्ट सहे
दे कर भी अग्नि परीक्षा
परित्याग मिला
सच सच बताओ
सिया
क्या तुम सचमुच खुश थी।

स्वप्न आंखों में लिए
रात रात भर जागी
हो कर सुहागन
काटा जीवन जोगन सा
सच सच बताओ
उर्मिला
क्या तुम सचमुच खुश थी

कोई भाया मन को
कह दिया उस को
सच बोलने की
इतनी बड़ी सजा
सच सच बताओ
मीनाक्षी (शूर्पणखा)
क्या तुम सचमुच खुश थी

त्रिलोक विजेता
जिसका पति
था सुख स्वर्ण का अम्बार
फिर भी झुलस गया घर संसार
सच सच बताओ
मंदोदरी
क्या तुम सचमुच खुश थी

देवो ने ठगा तुझे
ऋषि ने ठुकराया
वर्षों रही पाषाण बन
तेरा दोष क्या था
सच सच बताओ
अहल्या
क्या तुम सचमुच खुश थी

मन रम गया
सरिता किनारे
क्या मन का रमना पाप है
किंचित क्या देर हुई
सिर हो गया धड़ से पृथक
सच सच बताओ
रेणुका
क्या तुम सचमुच खुश थी

सेवा से
बिन मांगे मिला वरदान
वरदान बन गया अभिशाप
बन कर रह गई भोग्या
सच सच बताओ
कुन्ती
क्या तुम सचमुच खुश थी

महारथियों की भार्या
कुरु कुल की लाज
भरे दरबार मे तार तार
हुआ तनमन
जैसे तैसे बची लाज
सच सच बताओ
द्रौपदी
क्या तुम सचमुच खुश थी

देह की दीर्घा से
जब जब तूने देखा
देवो को भी
पशुवत देखा
फिर भी रखी मृदुल मुस्कान
होंठो पर
सच सच बताओ
मेनका, ऊर्वशी, रंभा
क्या तुम सचमुच खुश थी

मिला मान
पर मिला न स्थान
दौड़ दौड़ कर जाती थी
सुन मुरली की तान
सच सच बताओ
राधा
क्या तुम सचमुच खुश थी।

.

परिचय :-
नाम : धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *