Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बदली है ऋतु आज

प्रवीण त्रिपाठी
नोएडा

********************

बदली है ऋतु आज, छेड़ती नवीन साज,
बासंती हर मिजाज, दिखे हर ओर है।
पीला नीला हरा लाल, हर दिशा में धमाल,
प्रकृति करे कमाल, बहुरंगी जोर है।
कोयल की मीठी तान, गातें हैं भृमर गान,
धरती की बढ़ी शान, मानस विभोर है।
पल्लव पे शीत ओस, तपन है डोर कोस
खुशियाँ देती परोस,प्यारी हर भोर है।

होली पर्व आ रहा है, खुमार सा छा रहा है।
मौसम भी भा रहा है, डूब जायें रंग में।
प्रसून रंग-रंग के, पल्लव नव ढंग के,
दृश्य हैं बहुरंग के, झूमिये तरंग में।
कबीरा फाग गा रहे, रंग मन को भा रहे,
ठंडाई भी चढ़ा रहे, आता मजा भंग में।
ढोलक धमक रही, झाँझर झनक रही,
बुद्धि भी बहक रही, खुशी हुड़दंग में।

संग होलिका दहन, मैल मन का दहन,
कुरीतियों का दहन, यह शपथ लें सभी।
आपस में न द्वेष हो, दूर सबके क्लेष हों,
यत्न अब विशेष हों, दुविधा तज दें सभी।
नहीं तनातनी रहे, मित्रता भी बनी रहे,
प्रीति नित घनी रहे, सुखी तब रहें सभी
उबटन हो प्यार का, नेह अरु दुलार का,
सुखमय संसार का, निर्माण करें सभी।

.

परिचय : प्रवीण त्रिपाठी नोएडा


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *