डॉ. अपराजिता सुजॉय नंदी
रायपुर (छत्तीसगढ़)
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आज सुबह ही खबर मिला कि रमा की मौसी अब नहीं रही। मां के जाने के बाद रमा के लिए एक मौसी ही तो थी उसकी पूरी दुनिया, उसके अलावा रमा के पास था ही कौन। रमा का तो रो-रो कर बुरा हाल हो गया। खबर मिलते ही सीमा भी पहुंची, जाकर देखी कि लोगों का आना-जाना लगा हुआ था। एक ओर कुछ लोग दुखी भाव से कह रहे थे कि रमा की मौसी को हार्टअटैक आया था, घर में तनाव भी था, बीपी का दवाई भी तो लेती थी। तो दूसरी ओर कुछ लोग अर्थी सजाने की तैयारी में थे, वहां एक पंडित भी अर्थी के पास खड़े होकर कुछ समझा-बुझा रहा था। एक और पंडित पंचांग निकालकर कुछ देख रहा था गणना कर रहा था। पैर के पास परिवार के कुछ लोग बैठे थे। पंडित जी ने कहा मौसी को कोई दोष लगा है जो घर के लिए अपशगुन होगा। इससे बचने के लिए पूजा-अर्चना करवानी पड़ेगी करीब ११००० रुपए तो दक्षिणा ही होगी। पूजा-अर्चना खर्चा अलग से। आसपास बैठे बड़े-बुजुर्गों ने भी कहा – हां, पंडित जी सही कह रहे हैं। सभी लोग की बात सुनकर परिवार वालों ने सहमति जताई और जी पंडित जी, जी पंडित जी कहने लगे। सब अर्थी को लेकर शमशान की ओर रवाना हुए। अंतिम संस्कार पूरा हुआ। एक महीने बाद का मुहूर्त निकला। पंडित जी पूजा वाले दिन सुबह ही आकर कहा- मैं अपने साथ तीन और बड़े पंडित ला रहा हूं, पूजा-पाठ बहुत ही नियम से करवाना होगा, इससे घर के सभी दोष दूर हो जाएंगे। मामा जी ने पूछा – कितना खर्चा आएगा ? पंडित जी ने कहा – ज्यादा नहीं ४००० रुपए और दे देना, मैं उन्हें समझा दूंगा। पूजा-पाठ सब खत्म होने के बाद मामाजी हिसाब करने बैठे, तो करीब ६०००० रुपए का खर्चा हुआ। शुक्र है मौसी सरकारी कर्मचारी थी, उनकी पेंशन से ही उनका श्राद्ध का कार्यक्रम, दोष निवारण पूजा सब पूरा हुआ। आज करीब ३ साल हो गए घर की स्थिति आज भी वैसी की वैसी ही है, जैसे मौसी के जीवित रहते समय थी। रमा सीमा से कह रही थी कि पूजा-पाठ बहुत ही श्रद्धापूर्वक की गई थी, पंडित जी को श्रद्धापूर्वक १५००० रुपए की दक्षिणा या कहें चढ़ावा भी चढ़ाये थे। पर ना जाने स्थिति क्यों नहीं सुधरी ? पंडित जी से पूछे तो पंचांग देखकर कहा कि अभी हमारा समय खराब चल रहा है इसलिए। अब खबर मिला कि रमा के नानी का देहांत हो गया, पर इस बार पंडित दूसरा आया है। खर्चा लगभग ८० से ९० हजार तक होगा। रमा ने कहा – मामा जी इस बार भी। मामा जी ने कहा – हां बेटा पंडितों को हम से ज्यादा ज्ञान है, उन्हीं के पूजा-पाठ से हम सबका भला होगा।
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पति : श्री सुजॉय नंदी
जन्मतिथि : ५-१२-१९८७
शिक्षा : एम.ए.(हिंदी), पीजीडीसीए, पीएच. डी. (हिंदी), राज्य पात्रता परीक्षा (सेट).
सम्प्रति : सहा. प्राध्यापक (हिंदी) श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज रायपुर (छ.ग.)
निवासी : रायपुर, (छत्तीसगढ़)
प्रकाशन विवरण : विभिन्न राष्ट्रीय शोध – पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में शोध-पत्रों का प्रकाशन, दुनिया इन दिनों पत्रिका दिल्ली, दक्षिण समाचार हैदराबाद, लोक राग साहित्यिक वैब पोर्टल, नवभारत समाचार पत्र….
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