Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कल के बच्चें हैं हम सब

रेशमा त्रिपाठी 
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

********************

सुबह-सुबह उठना हैं पड़ता
हम सब प्यारें बच्चों को
मम्मी-पापा के सपनों का
बोझा ढोंना पड़ता हैं
हम सब प्यारे बच्चों को।

मम्मी कहती हिन्दी पढ़ लो
पापा कहते गणित लगाओं
बाकी घर वाले सब
इंग्लिश के पीछे पड़ जाते हैं
हम सब प्यारें बच्चों के।

बिना भूख के खाना पड़ता
बिना नींद के सोना पड़ता
कपड़ों में यूनिफॉर्म शिवा
हम सब को कुछ न मिलता हैं
हम सब प्यारे बच्चों को।

कभी तो पूछो हम सब से भी
हम सब का सपना क्या हैं?
हम सब को क्या अच्छा लगता हैं?
हर कोई तो कहते हो कि
हम सब आने वाला कल हैं

फिर अपने कल को आप सभी
आज कैंद क्यों करते रहते हो
हम सबको भी थोड़ा सोने दो
हम सबको थोड़ा खेलने दो
बचपन को बचपन रहने दो
हम सब प्यारे बच्चों का।।

.

परिचय :- नाम : रेशमा त्रिपाठी 
निवासी :
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *