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टैलेंट चाहिए

आशीष तिवारी “निर्मल”
रीवा मध्यप्रदेश

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चेहरे के हाव भाव, इनोसेंट चाहिए
ब्वायफ्रेंड उनको डिफरेंट चाहिए।
हसरतें भी यूँ शेष ना रहें कोई भी
होनी डिमाण्ड पूरी, अर्जेंट चाहिए।
हो रिच पर्सन ही ब्वॉयफ्रेंड उनका
घूमने हेतु इनोवा-परमानेंट चाहिए।
दारु संग सिगरेट भी पीती हैं मैडम
दुर्गंध ना आए इसलिए, सेंट चाहिए।
रोज तोड़ कर जोड़ रही हैं दिल को
ऐसी नीचता के लिए, टैलेंट चाहिए।
गर्लफ्रेंड रखना है सस्ता काम नहीं
क्रेडिट कार्ड, कैश में पेमेंट चाहिए।
फेसबुक पर फालोवर्स भी लाखों में
हर पिक में लाईक्स, कमेंट चाहिए।

 

परिचय :- कवि आशीष तिवारी निर्मल का जन्म मध्य प्रदेश के रीवा जिले के लालगांव कस्बे में सितंबर १९९० में हुआ। बचपन से ही ठहाके लगवा देने की सरल शैली व हिंदी और लोकभाषा बघेली पर लेखन करने की प्रबल इच्छाशक्ति ने आपको अल्प समय में ही कवि सम्मेलन मंच, आकाशवाणी, पत्र-पत्रिका व दूरदर्शन तक पहुँचा दीया। कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित युवा कवि आशीष तिवारी निर्मल वर्तमान समय में कवि सम्मेलन मंचों व लेखन में बेहद सक्रिय हैं, अपनी हास्य एवं व्यंग्य लेखन की वजह से लोकप्रिय हुए युवा कवि आशीष तिवारी निर्मल की रचनाओं में समाजिक विसंगतियों के साथ ही मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण, भारतीय ग्राम्य जीवन की झलक भी स्पष्ट झलकती है, इनकी रचनाओं का प्रकाशन एवं प्रसारण विविध पत्र-पत्रिकाओं एवं दूरदर्शन- आकाशवाणी के विविध केंद्रों से निरंतर हो रहा है। वर्तमान समय पर हिंदी और बघेली के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं।


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