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कविता की चाहत

नफे सिंह योगी
मालड़ा सराय, महेंद्रगढ़ (हरि)

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मैं नहीं चाहती सुनकर मुझको, कोई रूठा मुस्काए।
मैं नहीं चाहती की महफिल की खुशियों में गाया जाए।।
मैं नहीं चाहती प्रशंसा कर, प्रेमिका को रिझाया जाए।
मैं नहीं चाहती मंदिर में गा, हरि को हर्षाया जाए ।।

मैं नहीं चाहती भूले, भटके राहगीर को राह दिखलाऊँ।
मैं नहीं चाहती पत्थर दिल को, मोम बनाकर पिंघलाऊँ।।
मैं नहीं चाहती कि हिंसक को, पाठ प्रेम का सिखलाऊँ ।
मैं नहीं चाहती सहानुभूति दे, आँखों आँसू बरसाऊँ ।।

गा देना नफे सरहद पर जहाँ अड़े, खड़े हों वीर जवान ।
जिनके दम पर नींद चैन की सोता सारा हिंदुस्तान।।
मुझे गा देना जहाँ न पहुँचें, औहदे और उपाधियाँ ।
जिनकी यादों में खड़ी हों, गुम-शुम, मूक समाधियाँ ।।

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परिचय :
नाम : नफे सिंह योगी मालड़ा
माता : श्रीमती विजय देवी
पिता : श्री बलवीर सिंह (शारीरिक प्रशिक्षक)
पत्नी : श्रीमती सुशीला देवी
संतान : रोहित कुमार, मोहित कुमार
जन्म : ९ नवंबर १९७९
जन्म स्थान : गांव मालड़ा सराय, जिला महेंद्रगढ़(हरि)
शैक्षिक योग्यता : जे .बी .टी. ,एम.ए.(हिंदी प्रथम श्रेणी)
अन्य योग्यताएं : शिक्षा अनुदेशक कोर्स
शारीरिक प्रशिक्षण कोर्स
योगा कोर्स में स्वर्ण पदक
वॉलीबॉल कोचिंग कोर्स
जूनियर कम्बैट लिडर कोर्स
कार्यक्षेत्र सैनिक कर्तव्य
अभिरुचियाँ : कविता लिखना,गाना,
योग करना-करवाना और जोश भरना
प्रकाशित पुस्तकें : देश की बात
मंजिल से पहले रुकना मत
मौत से मस्ती (काव्य संग्रह)
प्रकाशनाधीन कृति
मिलन (कहानी संग्रह)
ये फर्ज अदा करना होगा (काव्य संग्रह)
म्हारी माटी म्हारी शान (रागनियाँ)
विशिष्ट उपलब्धियाँ : १८ वर्षों से सैन्य पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन। सेना में डिवीजन स्तर पर कविता पाठ, निबंध लेखन एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अनेक बार पुरस्कृत। हिंदी रक्षक मंच  (hindirakshak.com) सहित… हिंदी साहित्य की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर स्वागत। स्वामी रामदेव योग गुरु द्वारा प्रशंसा पत्र। संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना सेवा के दौरान ब्रिगेड कमांडर द्वारा पुरस्कृत। निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव साहित्य सम्मान से सम्मानित। भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के कमान अधिकारी महोदय द्वारा विशिष्ट उपलब्धियों हेतु प्रशंसा पत्र और सेना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी एवं मंच संचालन का २० वर्षों का अनुभव।


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