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जागो

ओमप्रकाश सिंह
चंपारण (बिहार)

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जागो जागो हे आर्यपुत्र
विषम काल है फिर आया!
जागो जागो हे नटवर फिर तू
प्रलयकाल है फिर आया!
उठा गांडीव फिर तू अर्जुन
महासमर है फिर छाया!
शंखनाद तू कर हे योगेश्वर
विषमकाल है फिर आया!
जागो जागो हे परशुराम
हवन कुंड है मुरझाया!
फिर तू परशु प्रहार कर
अनाचार घनघोर छाया!
दीपक की लौ मुरझाने को है
विद्वेष भाव है पतित फैलाया!
धर्म ध्वज अब फहराआओ
महा समर का क्षण आया!
‘सत्यमेव’अटूट वाक्य हो
सिंघनाद का वह क्षण आया!
राष्ट्रप्रेम से बढ़कर कुछ नहीं?
सृजन काल है फिर आया!
जागो -जागो हे नटवर फिर से
‘प्रलयकाल’ काल है फिर आया!
उठा सागर में ‘महाज्वार’ है
जागो जागो हे महामाया!

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परिचय :- ओमप्रकाश सिंह (शिक्षक मध्य विद्यालय रूपहारा)
ग्राम – गंगापीपर
जिला – पूर्वी चंपारण (बिहार)
सम्मान – हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० सम्मान


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