रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)
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मैने,
वर्षो से तुम्हारे इंतजार मे,
क्या से क्या हो गया,
लेकिन तुमको मालुम नही,
तुम जो हो,
मेरी मासूमियत का,
मेरी समझ से,
परे नही हो,
मै जनता था,
तुम मेरी हो नही सकती हो,
मगर तुम्हरा इंतजार,
मुझे वर्षो से,
था और रहेगा,
तुम जानती हो,
मै तुम्हे मानता हो,
मेरी साँसों,
मेरी याद्दो मे,
सिर्फ तुम ही तुम हो,
मगर तुम्हारी याद मुझे,
हमेशा तड़पाती है,
काश ये दुनिया,
इतना खुशनसीब ना होती,
ना मै होता ना तुम होती,
ना तड़प होती,
ना आरजू होती,
और ना गुस्तजु होती,
जो ख्वाब दिल मे है,
वो दिल ही मे दफन हो जाती,
ना जमी होता,
ना आसमां होता,
ना रात होता,
ना दिन होता,
होता तो सिर्फ,
हमारी-तुम्हारी दिलो का,
बेजुबान रिश्ता!
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परिचय :-
नाम – रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास – चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव – राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक – मेरी कलम रो रही है
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
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