रचयिता : मित्रा शर्मा
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मजदूरी
दिनभर मजदूरी करने के बाद घरमे शाम को मा का इंतजार में बैठे बच्चे को मा ने दस रुपये थमाते हुए बोली किराना के दुकान से आटा ले आ जल्दी भूख लग रहि है । पहले से भूखे बैठे बच्चे आपस मे लड़ने लग गए मैं जाता हूँ तू देर करेगा। दोनो बच्चे के लड़ाई और नोटकी खींचातानी में नोट दोनो के हाथ मे आधा आधा हो जाता है । एक दूसरे को देख रहे चुप होते बच्चे के ऊपर कहर बरसाने की बारी म की थी
परिचय :– मित्रा शर्मा
महू (मूल निवासी नेपाल)
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