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उन्मुक्त

धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)

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तुम छूना चाहती हो
सूरज को, जरूर छुओ
पर अपने पंख
बचाये रखना।
मेरी हर नसीहत को
राह का रोड़ा समझती हो
नही दूंगा आज से
पर अपना विवेक
हर पल जगाए रखना।

जो दिखता है खूबसूरत
बाहर से
जरूरी नही भीतर से भी हो
फिसलन पर अपने पैर
मजबूती से रखना
जिसे समझ रहे हो
बोझ संस्कारो का
चाहते हो इनसे मुक्ति
हो जाओ मुक्त
फिर इसकी किसीसे
आस न रखना।

जाओ जिओ जीवन
उन्मुक्त
जैसे जीते है खग, विहग
अरण्य मे,
जंगल मे कोई संस्कार
नियम, कानून नही होते
होता है वहा जाल
बहेलिए का
बस इतनी सी बात याद
रखना।
बस इतनी सी बात याद
रखना।

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परिचय :-
नाम : धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।


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