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जीवन के रंग अनोखे

बुद्धि सागर गौतम
नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश)

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है जीवन के रंग अनोखे,
हंसी खुशी से जी लो तुम।

प्यार मोहब्बत के रंगों से,
जी भर खूब नहा लो तुम।

दुख जीवन का काला रंग है,
हंसकर इसे हरा दो तुम।

खुशियों के रंगों से जीवन,
अपना खूब सजा लो तुम।

है जीवन के रंग अनोखे,
अंबर नीला नीला है।

सरसों के फूलों को देखो,
सुंदर पीला पीला है।

भारत का चौरंगा झंडा,
गौरव शान बढ़ाता है।

जीवन का हर रंग अनोखा,
हमें प्रेम सिखलाता है।

जाड़े गर्मी हर मौसम में,
हमें लहरते रहना है।

सत्य, अहिंसा, प्रेम के पथ पर,
आगे बढ़ते रहना है।

सरदार भगत सिंह, भीमराव का,
भारत गुलशन प्यारा है।

संविधान भारत का मेरा,
हमें जान से प्यारा है।

परिचय :- बुद्धि सागर गौतम
जन्म : १० जनवरी १९८८
सम्प्रति : शिक्षक- स्पर्श राजकीय बालिका इंटर कालेज गोरखपुर, लेखक, कवि।
निवासी : नौसढ़, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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