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बेरोजगारी : एक आर्थिक समस्या

नूपुर जैन
शंकर नगर दिल्ली

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पैसा- हमेशा एक चिंता का विषय बना रहता है, परंतु यही वह आधार भी होता है, जो हमारे जीवन के बुनियाद को निर्धारित करता है। यह हमारे लिए केवल एक सपना ही नहीं, बल्कि भारत में हर नागरिक का अपना एक अधिकार भी होता है। बेरोजगार की कमी भारत के प्रमुख मुद्दों में से एक है और जब तक इस मुद्दे का कोई स्पष्ट उपाय नहीं मिल जाता, तब तक इस पर पूर्ण रूप से विचार करने की आवश्यकता बनी रहेगी ।

बेरोजगारी- भारत की एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसे समझना बहुत जरूरी है। वैसे तो भारत, मानव संसाधन के मामले में बहुत समृद्ध है, परंतु फिर भी हम वर्षों से बेरोजगारी की स्थिति में जीते आ रहे हैं। जो लोग पूरी तरह से बेरोजगार हैं ; उनका जीवन बहुत दयनीय है। जब तक यह बेरोजगारी की समस्या समाप्त नहीं हो जाती, तब तक हम अपने देश को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते ।

हर कोई जानता है कि भारत एक घनी आबादी वाला देश है। परंतु, हमारा देश उन सभी नागरिकों को प्रभावी ढंग से नौकरियाँ, अन्य लाभदायक अवसर तथा रोजगार प्रदान करने की स्थिति में नहीं हैं, इसीलिए हमारे देश की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा बेरोजगार ही रहता है।
यहां तक ​​कि, हमारे देश की शिक्षा प्रणाली भी इससे बहुत प्रभावित हुई है। हमारे पास बहुत से शिक्षित व्यक्ति बेरोजगार बैठे हैं, हमारे देश में ऐसे उच्च शिक्षित लोग ही नौकरी पाने में असफल रह जाते हैं। जो बिल्कुल भी न्याय-संगत नहीं है ।

हमारे समाज पर बेरोजगारी का काफ़ी गहरा असर पड़ा है। बेरोजगारी ; एक व्यक्ति को गरीबी की ओर ले जाती है, जिसके परिणामस्वरूप — अधिकतर लोग, चोरी, बेईमानी, रिश्वतखोरी और जुआ रूपी जाल में फस कर रह जाते है, जो उनके भविष्य को और अधिक घने अंधकार की ओर धकेलता चला जाता है । इसके अतिरिक्त, बेरोजगारी के कारण- “राजनीतिक अस्थिरता” जैसी समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
हमारे देश के नागरिकों पर बेरोजगारी के अत्यधिक तनाव होने के कारण, उनमें- नशीली दवाओं की लत, निराशा और यहाँ तक ​​कि, आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचार भी देखने को मिलते हैं ।

अत: जब तक यह समस्या पूरी तरह से हल नहीं हो जाती, तब तक हमारे देश का राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक रूप से विकास हो पाना असंभव है।

इसलिए हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या को हल करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए । जैसे :-
• श्रम- हमारे देश में प्रचुर मात्रा में है, इसलिए, उन्हें छोटे पैमाने पर ही सही परंतु, किसी भी उद्योगों के माध्यम से रोजगार प्रदान किया जाना चाहिए।
• अधिक ध्यान- व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा पर रखा जाना चाहिए।
• परिवार नियोजन पर भी जागरूक कक्षाएँ आयोजित की जानी चाहिए ।
• प्राय: यह समस्या स्पष्ट रूप से एक आर्थिक समस्या है इसलिए हमारे देश की आर्थिक नीति में भी सुधार लाने की आवश्यकता है।

संभवत: यें कुछ उपाय बेरोजगारी की समस्याओं को हल करने में मददगार साबित हो सकते है।
इस प्रकार सरकार को बेरोजगारी की समस्या, जो कि, अब भारत की आर्थिक समस्या ही बन चुकी है ; इसका निवारण जल्द से जल्द करना चाहिए । क्योंकि, यह किसी भी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी होती है कि, वह लोगों को एक सुरक्षित रोजगार का प्रावधान, तथा एक उत्तम लक्ष्य प्राप्त करने की आवश्यकता और सुविधा प्रदान करें ।

परिचय :-  नूपुर जैन
निवासी : शंकर नगर, कृष्णा नगर दिल्ली
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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