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बेरोजगार

मुकेश गाडरी
घाटी राजसमंद (राजस्थान)

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देश विदेश में शिक्षा की,
ना बन पाया कुछ काम।
युवाओं का हाल हुआ बेहाल,
एक के साथ एक हो रहे बेरोजगार……
बेरोजगार की है अनेक परिभाषा,
पर ना कर पाया कोई उसे परिभाषित।
एक काम पर अनेक करते काम,
कभी प्रच्छन्न तो कभी घर्षित हो जाते बेरोजगार……
मशीनीकरण की क्रांति एसी आई,
हजारों का कार्य मशीनों ने लिया।
हस्तशिल्प उद्योग पर है बढ़ावा,
पर आगे चलकर ना आता कोई बेरोजगार……

परिचय :- मुकेश गाडरी
शिक्षा : १२वीं वाणिज्य
निवासी : घाटी (राजसमंद) राजस्थान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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