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छब्बीस जनवरी आई हे

मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
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देखो खुशीया लहराई हे

आजाद तिरंगा फहरा कर
संवैधानिक खूशिया मनाई है

अपना देश अपना कानून
हर चेहरे पर रित नई पाई है

नई दिशा पाकर भारत वासी
ज्ञान जोत, हमने जलाई है

ऊंचाई नीच का भेद मिटा कर
बजी खूशीयो की शहनाई है

पंचशील के पाकर सिधान्त
विश्व मे नविनअलख जगाई है

न कोई भूखा होगा न नंगा कोई
संविधान ने कसम जो खाई है

सबका साथ सबका विकास
धर्म निरर्पेक्ष पहचान बनाई है

दिलाकर मुल अधिकार मैने
कर्तव्यनिष्ठा सबको सिखाई है

न अन्याय न पक्षपात हो यहां
यही सब ईमानदारी अपनाई है

बोइतरहवा गणतंत्र अपना कर
मोहन ने खुशियां बंटवाई है

परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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