होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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जग में मिलने हजारों जन,
पर कुछ में बड़ी पवित्रता,
दर्द मिटाके, सुख का दाता,
कहलाती है सच्ची मित्रता।एक है दोस्त, दूजा दुश्मन,
दोनों में जरा करलो मंथन,
दोस्त चाहे सदा ही भला,
दुश्मन चाहे काट दूं गला।दुश्मन के दिल में नफरत,
चाहे वो जन की हो दुर्गत,
सदा करता रहे उल्टे काम,
यूं होता है जग में बदनाम।दोस्त के दिल में बहे बयार,
खुद दुख में देता सच्चा प्यार,
दोस्त मिल जाएं कई हजार,
सच्चे मित्र मिले बस दो चार।मित्र वहीं है मित्रता निभाए,
दुख पहाड़ सम, वो हंसाए,
सदा ही गले से वारे लगाये,
कुर्बानी दे दे, नहीं घबराये।सच्ची मित्रता सुनने मिलती,
सुन दोस्ती कलियां खिलती,
ईश्वर भी देखे, जोड़ी ,प्यारी,
दोस्ती नहीं है कभी दोधारी।सच्ची मित्रता कृष्ण-सुदामा,
युगों युगों तक रहेगा ये नाम,
जब-जब बात सुदामा चले,
याद आयेंगे तब-तब श्याम।सच्ची मित्रता राधा श्याम की,
रहेगा इसका गवाह इतिहास,
राधा,गोपियां, श्रीकृष्णजी की,
दिल में महकेगी सदा सुबास।पोरस-सिकंदर बनी थी दोस्ती,
जगमग करेगी, हर दिल जवां,
अति कष्ट झेले कर्ण महाभारत,
फिर भी कौरव हो गये स्वाह।चाणक्य चंद्रगुप्त की थी दोस्ती,
नंदवंश करवाया पल में साफ,
जिस दुष्ट से चाणक्य भिड़े थे,
नहीं किया उसको कभी माफ।दोस्ती त्रिजटा और सीता की,
दोस्ती रही गांधारी कुंती की,
दोस्ती पृथ्वीरात चंद्र प्रमाण,
गौरी मारा तीर न चूका चौहान।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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