बबिता चौबे शक्ति
माँगज दमोह
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अब गांधी चाहिए और नेहरू चाहिए
मां भारती को भगत ओ आजाद चाहिए
हर नवयुवा के दिल में राष्ट भक्ति भर सके।।
वो भगत अटल गुरु सी बुनियाद चाहिये।।
हर द्वंद वतन में जो चल रहे मिटा सकें ।
जन जन के ह्रदय में वही संवाद चाहिए।।
जिसकी दहाड़ से हिलें पर्वत की चोटियाँ।।
नव क्रांति भर सके वो शंखनाद चाहिए।।
अंतः की गुलामी से छुड़ादे दे जो देश को।।
हौसलों से भरा फिर कोई उन्माद चाहिए
जो बैर रखते हिंदी से रहकरके वतन में
करने को उनसे कोई वाविवाद चाहिये।
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