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संकट का यह दौर

कालूराम अर्जुन सिंह अहिरवार
जगमेरी तह. बैरसिया (भोपाल)

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आज मानवता संकट में है
वक्त कैसा सितम ढा रहा है
इंसान को इंसान से दूर कर रहा है
बेवजह लोग बीमार पड़ रहे हैं
हमें हमारे ही घर में कैद कर रहा है
अपनों से दूर कर रहा है
एक अदृश्य शत्रु दुश्मन बन रहा है
संपूर्ण मानवता को अपने वश में कर रहा है
काश कोरोना तुझे हम देख पाते
हमारे भारतीय सैनिक से तुझे गोली मरवाते
अगर नहीं मरता तू गोली से
कमबख्त तुझे हम बम से उड़बातें
फिर भी नहीं मरता
तो भारत के तेजस व सुखोई
लड़ाकू विमान से तुझे टारगेट बनवाते
इस दुनिया से तेरा नामो निशान मिटाते
वक्त तू कैसा सितम ढा रहा है
इंसान को इंसान से दूर कर रहा

परिचय :- कालूराम अर्जुन सिंह अहिरवार
पिता : जालम सिंह अहिरवार
निवासी : ग्राम जगमेरी तह. बैरसिया जिला भोपाल
शिक्षा : एम.ए. हिंदी साहित्य शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल अध्ययनरत राष्ट्रीय सेवा योजना एन.एस.एस. स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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