Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

ये सड़क चलती है

ये सड़क चलती है

============================================

रचयिता : ईन्द्रजीत कुमार यादव

ये सड़क चलती है

मैं तो खड़ा हूँ आज भी उसी रास्ते,
जहाँ तेरी खुशबू आज तक मेहकती है,
इन फासलों का जिम्मेवार कौन है तू बता दे,
मैं कहाँ चलता हुँ कम्बख्त ये सड़क चलती है।

शून्य सी जन्दगी ऐसे ही अनन्त तक सफर करती है,
दो निवाले की ख़ातिर ये रातें अब कहाँ सोती है,
इन पत्थड़ों के चोटों से ये अंगारे भी रो जाते हैं,
मैं कहाँ सोता हुँ ये शहर ही सो जाता है।

अपने नाकामियों से लड़ता हुँ, मैं अपने गुमनामियों
से डरता हुँ, उजाले की खोज में ईन अंधेरो से लड़ता हुँ,
अपने साये के साथ चलता हुँ तब ये शाम ढ़ल जाती है,
मैं कहाँ खोता हुँ, बस मेरी परछाई खो जाती है।

 

लेखक परिचय :- 
नाम : ईन्द्रजीत कुमार यादव
निवासी : ग्राम – आदिलपुर जिला – पटना, (बिहार)

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *