Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

शतरंज के मोहरे की तरह हो गयी ये जिंदगी…

दिनेश शर्मा ‘डीन सा’
भीलवाड़ा (राजस्थान)

********************

बिछी हुई बिसात की तरह
करते हुए नुमाइंदगी
शतरंज के मोहरे की तरह हो गयी
ये जिंदगी।

मन का यह सुंदर सफेद घोड़ा
चलता रहता है सदा ढाई चाल
मचल-मचल कर खुद होता बेहाल।

सिपाही बना संकल्प
मन के घोड़े पर हुआ सवार
करता है कोशिश
चले सदा सीधा पर
अपने ही टेढ़े पन से
होता सब बेकार।

इच्छा रूपी ऊंट
को जिंदगी के इस अंतहीन रेगिस्तान में
मिलता नही कोई जब सहारा
केवल भागना ही विकल्प है
यह सोचकर मन मसोस कर
रह जाता बेचारा।

गज बना देह का आलस्य
हिलता डुलता कभी मचलता
किये हो जैसे सूरा पान
कभी है चलता
अधिक है रुकता
चल रहा मतवाली चाल।

और जिसको थी इन्हें
डालनी जंजीर
ऐसा इक वो बुद्धि रूपी वजीर
रख नही सका इन पर कोई अंकुश
लगा विचरने खुद धरा के
चारो कोनो में निरंकुश।

शत्रु की तरह लगे ये सभी
दिन-रात
देने अपने जीवन दाता
देह रूपी बादशाह को शह-मात।

ऊंचे-नीचे, खरे-खोटे सब ही कामो में सदा रत
बादशाह इस देह की
करते रहे सब बन्दगी।
शतरंज के मोहरे की तरह
हो गयी ये जिंदगी।।

परिचय :- दिनेश शर्मा ‘डीन सा’
शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर (हिंदी, राजस्थानी), राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC -NET) (हिंदी राजस्थानी), राज्य पात्रता परीक्षा (RAJSTHAN-SET) – हिंदी
सम्प्रति : प्राध्यापक (राजकीय सेवा) -हिंदी
निवासी : शास्त्रीनगर, भीलवाड़ा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … 🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *