पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा
लेखक : शिखर चंद जैन
मूल्य : २५० रुपये
प्रकाशक : प्रखर गूँज प्रकाशन,दिल्ली
समीक्षक : कुमार संदीप
ज़िंदगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब हम ज़िंदगी से मिले दर्द व तकलीफ़ से पूरी तरह टूट जाते हैं, निराश हो जाते हैं। उस वक्त हमें सबसे बड़ी ज़रूरत होती है साहस की धैर्य की। इस अवस्था में यदि हमें एक ऐसी पुस्तक यदि पढ़ने को मिल जाए जो हमारे अंदर अथाह साहस का संचार कर दे तो फिर ज़िंदगी सार्थक हो जाती है। जी हाँ, एक अच्छी पु्स्तक न केवल पढ़ने में ही अच्छी लगती है अपितु आपकी ज़िंदगी बदलने की शक्ति भी रखती है।आपने सुना भी होगा कि अन्ना हजारे एक बार आत्महत्या करने जा रहे थे,इस बीच उन्होंने एक किताब पढ़ ली और अपने उस निर्णय को सदा सर्वदा के लिए त्याग दिया। ऐसी ही प्रेरणादायक व रग-रग में कुछ अलग करने की चाह जागृत करने वाली पुस्तक है “ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा”।
इस पुस्तक में लिखित हर आलेख संदेशप्रद व प्रेरणादायक है। यदि प्रारंभ से लेकर अंत तक इस पुस्तक को आप एकाग्रतापूर्वक पढ़ेंगे तो निश्चित-ही आपको मुश्किलों से लड़ने में तनिक भी कठिनाई नही होगी। ज़िंदगी भले ही आपको बेइंतहा दर्द दे रही हो परंतु यदि एक बार आप इस पुस्तक को पढ़ेंगे तो यकीनन आपको ज़िंदगी एक बोझ नहीं लगेगी। आप ज़िंदगी से शिकायतें नहीं करेंगे बल्कि ज़िंदगी का शुक्रिया अदा करेंगे। एक से बढ़कर एक जीवनोपयोगी आलेखों का संग्रह है पुस्तक ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा।
इस अनमोल कृति के प्रथम आलेख को पढ़ने के पश्चात ही पुस्तक को अंत तक पढ़े बगैर आप रह नहीं पाएंगे। प्रथम आलेख ही इतना जबरदस्त है कि पढ़कर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। ज़िंदगी को बदल देने वाले अनमोल विचारों को शामिल किया है लेखक महोदय ने। यदि आप इन विचारों को आत्मसात करेंगे तो निश्चित-ही ज़िंदगी रुपी बगिया में ख़ुशी रुपी पुष्प सदा खिली रहेगी। प्रथम आलेख में ढ़ेर सारे प्रेरणादायक विचारों का जिक्र है। लेखक का कहना है कि मुश्किल घड़ी परीक्षा की भाँति है। यदि आप मुश्किल दौर से गुजर रहें हैं तो यह मानकर चलिए कि भगवान आपको एक मजबूत इंसान बनाना चाह रहा है। भला इन प्रेरणादायक विचारों को पढ़ने के पश्चात किस शख़्स की ख्वाहिश नहीं होगी इस अनमोल कृति को पढ़ने की।
हम किस प्रकार विल पावर को बढ़ा सकते हैं इस बात का विशेष जिक्र किया गया है इस पुस्तक के एक आलेख में। विल पावर बढ़ाने के लिए लेखक ने कठिन कार्य करने की आदत डालने की, कोई भी निर्णय लेने में समय लेने की सुंदर सलाह दी है। यदि आप विल पावर बढ़ाने वाले इस आलेख को अंत तक पढ़ेंगे तो निःसंदेह आपको एक ऊर्जा मिलेगी। आपको ज़िंदगी की तकलीफ कम लगने लगेगी।
ख़ुशी कैसे मिलती है इस विषय पर लेखक महोदय ने बहुत ही सुंदर आलेख लिखा है। ख़ुश रहने के लिए उन्होंने कहा है कि बच्चों की तरह उत्सुक बनिए। साथ ही उन्होंने ख़ुश रहने के लिए वैज्ञानिकों के विचारों का भी जिक्र किया है। यदि आलेख को आप एकाग्रता से पढ़ेंगे तो आप यह देख सकते हैं कि लेखक ने पुस्तक लिखने के क्रम में बहुत मेहनत की है। मनोवैज्ञानिकों, बेहतरीन साहित्यकारों,विशेषज्ञों के बेहतरीन संदेशप्रद विचारों का विशेष रुप से विशलेषण किया है ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा पुस्तक के लेखक महोदय ने।
अपनी इमेज बेहतर बनाना या अपनी इमेज को ख़राब करना हमारे हाथों में है। इस बात का विशेष उल्लेख करते हुए लेखक महोदय ने बेहतरीन आलेक लिखा है। नकारात्मक विचारों को मन से बाहर निकालकर सकारात्मक विचारों को मन में शामिल करने की सुंदर सीख प्रदान की है लेखक महोदय ने आलेख में। साथ ही उन्होंने बताया है कि आज का काम कल पर टालने वाले ज़िंदगी में कभी भी कुछ भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए जो भी कार्य है उसे समय रहते संपन्न करें। समय बार-बार नहीं मिलता है और ज़िंदगी भी एक ही बार मिलती है।
क्षमा मांगने व क्षमा करने की सुंदर सलाह देते हुए एक आलेख मुझे अत्यंत प्रिय लगी। इस आलेख में वाकई में अच्छी सीख दी गई है। घर परिवार और कारोबार में किस प्रकार संतुलन बनाएं रखना चाहिए इस बात का विशेष उल्लेख किया है लेखक महोदय ने। यदि चेहरे पर मुस्कान हो तो कोई भी गम हमारे इर्दगिर्द नहीं रहता है। लेखक ने मुस्कुराने की सलाह दी है ताकि ज़िंदगी ख़ुशनुमा बन जाए। जब आप मुश्किल दौर से गुजर रहे होते हैं तो आपकी मनःस्थिति वाकई में बेहतर नहीं होती है। ऐसे में लेखक जी ने बताया है कि हमें उस वक्त अच्छी प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया है कि ज़िंदादिली में तनिक भी कमी न आए इसका ख़्याल रखना चाहिए। इस तरह के अन्य विषयों पर बेहतरीन आलेख लिखा गया है आलेख संग्रह ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा में।
नि: संदेह बहुत ही सूझबूझ व काफी मेहनत करने के पश्चात ज़िंदगी से मिले अनुभवों व ज़िंदगी की परिभाषा को व्यक्त करने की कोशिश की है लेखक ने इस पुस्तक में। वाकई में यह कृति अनमोल है अतुलनीय है। मैंने अंत तक इस आलेख को पढ़ा तत्पश्चात अपने विचार को व्यक्त करने से रह न सका।
एक पाठक के तौर पर मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि आप एक बार इस पुस्तक को अवश्य पढ़िये। साथ ही किसी विशेष अवसर पर अपने रिश्तेदारों,करीबियों को किसी कीमती महँगे तोहफे देने की बजाय “ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा” पुस्तक उपहार स्वरूप दीजिए। ताकि न केवल आपके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आ सके बल्कि आपके रिश्तेदार भी अच्छे विचार सीखकर अपने जीवन को सार्थक रुप दे सके। इस खूबसूरत और अद्वितीय कृति हेतु लेखक के प्रति साधुवाद व्यक्त करता हूँ।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें…