होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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टूट गये सब ख्वाब तो,
शेष अभी भी शाकी है,
पलट गये हैं पासे सभी,
उम्मीद अभी बाकी हैं।महामारी ने खूब सताया,
अच्छा समय लौट आया,
अभी भी ताका झांकी है,
उम्मीद अभी भी बाकी है।मृत्यु शैया पर पड़ा हुआ,
पास खड़े हैं चाहने वाले,
उनकी हर बुराई माफी है,
उम्मीद अभी भी बाकी है।जब तक इंसान धरती पर,
होती रहेंगी ये भूल सुधार,
उम्मीदों का सहारा पाकर,
नहीं हो सकती कभी हार।हार गये राज पाट पांडव,
मिल चुका था अज्ञातवास,
श्रीकृष्ण आये बोले हँसते,
उम्मीद अभी भी बाकी है।प्राण हर लिये सत्यवान,
सावित्री संग में यमराज,
प्राण वापस लाने की वो,
उम्मीद अभी भी बाकी है।मार्कंडेय मृत्यु के निकट,
बाल रूप अति सुहाना है,
शिवभोले में अपार भक्ति,
जीने की उम्मीद बाकी है।तूफान से अब घिर चुके,
मृत्यु आती पल पल पास,
जीने की तमन्ना मन लिये,
उम्मीद अभी भी बाकी है।भीषण दुर्घटना घट चुकी,
त्राहि त्राहि मची हुई लोग,
प्रार्थना कर रहे जीवन की,
उम्मीद अभी भी बाकी है।डूब रहा था पानी में जन,
जीने को मारता हाथ पांव,
पास नहीं है बचाने वाला,
उम्मीद अभी भी बाकी है।उम्मीद अभी भी बाकी है,
इरादे नेक मन में हैं हजार,
लाख कलंक लगा ले जग,
अपनों का मिलता है प्यार।।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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