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मेरे भारत का कमाल

प्रियंका पाराशर
भीलवाडा (राजस्थान)
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मेरे भारत का कमाल
बढ़ा दिया मान संख्या का
कर के सिर्फ शून्य का इस्तेमाल
बतलाया दशमलव का ज्ञान
गणना सिखाकर पूरा किया विज्ञान
जन्मी यहाँ विश्व की पहली सभ्यता
वसुधैव कुटुंबकम की है यहाँ मान्यता
दिया विश्व को प्रथम धार्मिक ग्रंथ, ऋग्वेद
सर्वप्रथम लोकतंत्र की अवधारणा, है भारत की देन
सहिष्णुता का है मजबूत आधार
यहाँ के मानव में बसता है अद्भुत कलाकार
कला और ज्ञान का दिया अपार भंडार
विश्व गुरू मानकर पूजता है इसे संसार
जन्में यहाँ वीर सपूत जो देश रक्षा मे त्याग दे प्राण
शत्रु को परास्त कर दे चला के शब्दभेदी बाण
विविधता मे एकता को लिए चले संभाल
करता हमें गौरवान्वित मेरे भारत का कमाल

परिचय :- प्रियंका पाराशर
शिक्षा : एम.एस.सी (सूचना प्रौद्योगिकी)
पिता : राजेन्द्र पाराशर
पति : पंकज पाराशर
निवासी : भीलवाडा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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