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परम

धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)

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तप्त जीवन पर
डाल कर तूने जल
लेकर शरण मे अपनी
पी लिया मेरा गरल
मैं था व हूँ एकल
तू ही समग्र तू ही सकल।

सत्य और विश्वास पर
तूने कहा चला चल
पहले न था जीवन इतना
पावन और निर्मल
खिल उठा मन का कमल
तू ही समग्र तू ही सकल।

कण कण में दिखता है
तेरा ही प्रतिबिंब
देखु जो मन के दर्पण में
दिखे तेरा ही बिंब
जगत को कर दिया विमल
तू ही समग्र तू ही सकल।

नही रहा मन पर
दुख चिंता का भार
मुझ अकिंचन को
सुख दे दिया अपार
मन महकाये तेरा परिमल
तू ही समग्र तू ही सकल।

क्षमा, संयम के साथ
है नूतन दृष्टी
कर निर्मल, नभ थल जल
है नूतन सृष्टी
सब पर तेरा उपकार
तू मंगल तू परोपकार
तू आज तू कल तू कल का कल
तू ही समग्र तू ही सकल।

परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान : हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान


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