गोविंद पाल
भिलाई, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
********************
राजस्व कमाने का जरिया क्यों शराब में ढूंढते हो?
मौत से जिन्दगी की तुलना क्यों शबाब में ढूंढते हो?
कौन जाने कितनी लाशें दफ्न है इन मदिरालयों में,
तबाह हो चुकी जिन्दगियों में क्या हिसाब ढूंढते हो?
अनाथ हुए मासूमों के चेहरे पर लिखे इबारत पढ़ लो,
क्यों बेकार बेफिजूल इधर-उधर का किताब ढूंढते हो?
पांव में पड़े छाले और दिल में जहाँ आग लगी हुई हों,
बुझाने मानवता का जल चाहिए क्यों तेजाब ढूंढते हो?
माना गाड़ी को चलाये रखने इंधन की जरूरत होती है,
पर पेट के इंधन का समाधान क्यों हिजाब में ढूंढते हो?
.
परिचय :–गोविंद पाल
शिक्षा : स्नातक एवं शांति निकेतन विश्व भारती से डिप्लोमा इन रिसाइटेशन।
लेखन : १९७९ से
जन्म तिथि : २८ अक्तूबर १९६३
पिता : स्व. नगेन्द्र नाथ पाल,
माता : स्व. चिनू बाला पाल
पत्नी : श्रीमति दीपा पाल
पुत्र : प्लावनजीत पाल
निवासी : भिलाई नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
प्रकाशन :
परमात्मा के खिलाफ (कविता संग्रह – २००२) शब्द भारती प्रकाशन इलाहाबाद उ. प्र.
मुन्ना बोला (बाल कविता संग्रह – २००३) वैभव प्रकाशन रायपुर, छत्तीसगढ़
हांटूर नीचेर मानूष (बांगला कविता संग्रह – २००४) मिहिर प्रकाशन दुर्ग, छत्तीसगढ़
चिंटू का वादा बाल कहानी संग्रह – २००५) लोकहित प्रकाशन – दिल्ली
टकला बाबा (बाल नाटक संग्रह – २००५) लोकवाणी प्रकाशन – दिल्ली
बोनसाई (कविता संग्रह – २००९) देश भारती प्रकाशन – दिल्ली
इसके अलावा तीन पुस्तकें शीघ्र प्रकाशनाधीन
प्रसारण : आकाश वाणी तथा दर्जनों टी व्ही चैनलों से बाल कविता, बाल नाटक एवं हास्य व्यंग्य व अन्य कविताओं का प्रसारण
पुरस्कार व सम्मान :
१. अ. भा. अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण से अलंकृत – २००६
(बाल कहानी संग्रह चिंटू का वादा के लिए)
२. शब्द रत्न मानद उपाधि से सम्मानित किया गया- २०१२
अखिल भारतीय काव्य संग्रह प्रतियोगिता में पुरे हिंदुस्तान से आये हुए २०० काव्य संग्रह में से सबसे उत्कृष्ट कविता संग्रह के रूप में बोनसाई को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया एवं “शब्द रत्न” मानद उपाधि से नवाजा गया।
३. २००८ – रामसेवक सक्सेना स्मृति बाल साहित्य सम्मान बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल में डा. राष्ट्र बंधु के कर कमलो द्वारा
४. २००९ – बाल वाटिका सृजन सम्मान, भीलवाड़ा राजस्थान
५. २०१० – बाल साहित्य शिखर सम्मान खटिमा उधमसिंह नगर, उत्तराखंड द्वारा,
६. तीन अप्रैल से बारह अप्रैल २०१८ तक बांग्लादेश की साहित्यिक यात्रा में बांग्लादेश के कई शहरों में बांग्लादेश के सचिवालय में कविता पाठ एवं की पुरस्कार विजेता सम्मान प्राप्त।
७. हाल ही में म.प्र. साहित्य अकादमी के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक व समीक्षक एवं म.प्र. साहित्य अकादमी के संयोजक श्री घनश्याम मैथिल “अमृत” द्वारा लिखित समीक्षात्मक पुस्तक रचना के साथ साथ में हिंदुस्तान के सबसे उत्कृष्ट २८ पुस्तकों की समीक्षा में गोविंद पाल की काव्य संग्रह “बोनसाई” को भी शामिल किया गया है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…