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मौन

धैर्यशील येवले
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मैं
एकांत में
संवादहीन बैठा हूँ
सबसे दूर अलग हो
परिलक्षित भर हो रहा
मौन।

विचारों का
सुप्त ज्वालामुखी
फुट पड़ा है
दहकता बहता लावा
लगता है मुझे भस्म कर देगा

भीतर क्या क्या नही
भर रखा था मैंने
काश की बह जाने देता
समय समय पर
किंतु मैं
दबाता रहा विचारों को

आज जब धारण
किये बैठा हूँ मौन
सत्य की
प्रथम सीढ़ी पर ही
बह निकला है
मेरा सच।

कितना कठिन
हो रहा है
स्वयं को खाली करना
यम नियम संयम
की राह पर चल पड़ा हूँ
धारणा मजबूत हो रही है
अब दूर नही है
समाधि।

परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर hindirakshak.com द्वारा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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