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व्यक्ति वही धनवान है….

प्रो. आर.एन. सिंह ‘साहिल’
जौनपुर (उ.प्र.)

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सिर पर मेरे है बहुत मित्रों का एहसान
करूँ शुक्रिया किस तरह मैं ठहरा नादान

व्यक्ति वही धनवान है मिलते जिसे सुमित्र
जीवन को दोजख समझ, साथी अगर कुमित्र।

तन,मन रहता है मगन, साथी अगर उदार,
संकट के हर दौर में, करता बेड़ा बार

मित्रों से मत कीजिए, दगा और फौरेब,
वरना जग तुमको कहे, कातिल औरंजेब।

कृष्ण.. सुदामा मित्रता देते लोग मिशाल,
पर कलियुग में पड़ गया, इसका सहज अकाल।

धैर्य,धर्म और मित्रता, है जीवन का सार,
रखिए सदा संभाल के, देते ख़ुशी अपार।

साहिल अनुपम मित्र है, कभी न टूटे आस,ल
होने मत देना कभी, रिश्तों का परिहास

परिचय :- प्रोफ़ेसर आर.एन. सिंह ‘साहिल’
निवासी :जौनपुर उत्तर प्रदेश
सम्प्रति : मनोविज्ञान विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
रुचि : पुस्तक लेखन, सम्पादन, कविता, ग़ज़ल, १०० शोध पत्र प्रकाशित, मनोविज्ञान पर १२ पुस्तकें प्रकाशित, ११ काव्य संग्रह सम्पादित, अध्यक्ष साहित्यिक संस्था जौनपुर उत्तर प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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