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होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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वक्त बुरा नहीं होता, बुरे होते विचार,
मन मेरा प्रसन्न हो तो,लोग करें प्यार,
मन को काबू कर, बन सकता महान,
मन मंद वेग मेें हो, बन जाए पहचान।
मन की गति समझ नहीं पातेे, कितने,
जगत हुये पंडित और हजारों विद्वान,
मन पर काबू किया, साधु, संत महान,
काबू से बाहर मन, राक्षस उन्हें जान।
फूल सा मन था, जब होता था बच्चा,
मेरा मन कहता था, दिल का हूं सच्चा,
काम मन से किया, लगता था अच्छा,
छल पट से दूर था, इसलिए था बच्चा।
हुआ युवा,मन जवां, करता उल्टी बातें,
मेरे मन से सोच में, कट जाती थी रातें,
मन मलिन हो गया, कुत्सित थे विचार,
मन की मेरी समझे, घट का जन प्यार।
हुआ बुजुर्ग आज मैं, नहीं रहा ये जवां,
बुरे भले विचार पले,नहीं रहा मन जवां,
सोच विचार करता, शुभ वक्त दिया गवां
सूखा पेड़ बन गया, खुश्क हो गई हवा।
एक दिन मेरा मन, यूं कहने लगा मुझसे,
अभी वक्त मन काबू कर, भूल हुई तुझसे,
प्रभु भक्ति में लगाया, खुश हुआ मेरा मन,
शुद्ध भाव भर गये, बाग-बाग हुआ मन।
मन मेरा बोला, अब मैं तुझे छोड़के जाऊं,
किसी ओर पवित्र जीव में, स्थान मैं बनाऊं,
छोड़ गया मेरा मन, तन बन गया मेरा रेत,
माटी में माटी मिली, तन घूमे बनकर खेत।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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