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उड़ान

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)
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ये भी जीवन होता कठिन रास्तों का
हमेशा सीढ़ियाँ फूँक-फूँक कर चलो तुम
ऐसा ये कथ्य है मेरे पिता स्वर्गीय का
हाँ ये कि अभी वक्त है उड़ान भर लो तुम

समय का कोई अता-पता नहीं होता है
कभी किसी गलत रास्ते में भटकना ना तुम
ये जमाना बहुत खराब आज के दौर काहै
ओ बिटिया बहुत सरल नादानियाँ करना ना तुम

मेरी पगड़ी कभी उछलने तुम ना देना
अपनी इज्जत अपने हाथों से संभालना तुम
जब कभी जिन्दगी में तुम डगमगाओ भी
तो अपने को कमजोर बनाना कभी ना तुम

हमेशा तुम्हारे हौंसले बुलंद रहे जीवन के
और कदम पे कदम बढ़ाते आगे बढ़ना तुम
ये आशीर्वाद हमेशा मेरा तुम्हारे साथ है
अपने को कर्तव्य मार्ग से कभी हटना ना तुम

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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