Monday, November 25राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

उड़ान

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)
********************

ये भी जीवन होता कठिन रास्तों का
हमेशा सीढ़ियाँ फूँक-फूँक कर चलो तुम
ऐसा ये कथ्य है मेरे पिता स्वर्गीय का
हाँ ये कि अभी वक्त है उड़ान भर लो तुम

समय का कोई अता-पता नहीं होता है
कभी किसी गलत रास्ते में भटकना ना तुम
ये जमाना बहुत खराब आज के दौर काहै
ओ बिटिया बहुत सरल नादानियाँ करना ना तुम

मेरी पगड़ी कभी उछलने तुम ना देना
अपनी इज्जत अपने हाथों से संभालना तुम
जब कभी जिन्दगी में तुम डगमगाओ भी
तो अपने को कमजोर बनाना कभी ना तुम

हमेशा तुम्हारे हौंसले बुलंद रहे जीवन के
और कदम पे कदम बढ़ाते आगे बढ़ना तुम
ये आशीर्वाद हमेशा मेरा तुम्हारे साथ है
अपने को कर्तव्य मार्ग से कभी हटना ना तुम

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *