Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

समीकरण

प्रेम प्रकाश चौबे “प्रेम”
विदिशा म.प्र.

********************

हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित अखिल भारतीय लघुकथा लेखन प्रतियोगिता में तृतीय विजेता रही लघुकथा

“मां, मैं भी कॉलेज जाऊंगी, मैं आगे पढ़ना चाहती हूं” बेटी ने अपना निर्णय सुना दिया।
“नहीं, जितना पढ़ना था, पढ़ चुकीं” मां ने कहा।
“इसे कौन सा डॉक्टर या इंजीनियर बनना है, शादी के बाद, चूल्हा ही तो फूंकना है, उस के लिए १२ वीं तक कि पढ़ाई काफी है”, भैया ने अपनी समझदारी झाड़ी, जो सोफे पर मां के पास ही बैठा था।
“क्यों, मैं इंजीनयर क्यों नहीं बन सकती? मैं ने गणित विषय लिया है। मुझे पढ़ने-लिखने का बहुत शौक है” बेटी ने रुआंसे से स्वर में कहा। “और आप लोग हैं कि मुझे पढ़ने देना ही नहीं चाहते। मां तो पुरानी पीढ़ी की हैं, उन का ऐसा सोचना स्वभाविक है, भैया, पर तू तो नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है, फिर भी तू उन्हीं के पक्ष का समर्थन करता है? यदि हर घर में तेरे जैसे भाई रहे तो हो चुका “नारी शिक्षा” का कार्यक्रम पूरा” बिटिया रो पड़ी थी।
“नहीं, बेटे, रोते नहीं हैं ” कहते हुए पिताजी ने कमरे में प्रवेश करते हुए कहा “तुम तो गणित की छात्रा हो। समीकरण समझती हो न, तुम्हारे पिता, तुम्हारे पक्ष में हैं। हो गया न समीकरण सन्तुलित। कल से तुम कॉलेज जाओगी”- कहते हुए पिताजी सोफे पर बेटी के पास बैठ गए।

.

परिचय :-  प्रेम प्रकाश चौबे
साहित्यिक उपनाम – “प्रेम”
पिता का नाम – स्व. श्री बृज भूषण चौबे
जन्म –  ४ अक्टूबर १९६४
जन्म स्थान – कुरवाई जिला विदिशा म.प्र.
शिक्षा – एम.ए. (संस्कृत) बी.यु., भोपाल
प्रकाशित पुस्तकें – – “पूछा बिटिया ने” आस्था प्रकाशन, भोपाल  २ – “ढाई आखर प्रेम के” रजनी  प्रकाशन, दिल्ली से
अन्य प्रकाशन – अक्षर शिल्पी, झुनझुना, समग्र दृष्टि, बुंदेली बसन्त, अभिनव प्रयास, समाज कल्याण व मकरन्द आदि अनेक  पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं में कविता, कहानी, व्यंग्य व बुंदेली ग़ज़लों का प्रकाशन।
प्रसारण – आकाशवाणी व दूरदर्शन भोपाल से कविताओं व बुंदेली ग़ज़लों का प्रसारण।

 


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *