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पूरी बस्ती में अँधेरा है

जयंत मेहरा
उज्जैन (म.प्र)

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पूरी बस्ती में अँधेरा है, ना जाने कहाँ घर मेरा है
चलो मन्दिर चलते है, पर वहा भी चोरों का बसेरा है

रातों के जुगनु किधर जा रहे हैं, पीछा करो
शायद वहीं पर आगे सवेरा है

बस्ती में सभी घरों में छिपे बैठे हैं
घरों के बाहर चोरो का पहरा है

सारे चोर बस्ती में सूरज बाटते फ़िरते है
जिनके अपने खुदके घरों में, अंधेरा है

सभी रांझे को पत्थर मार रहे थे
उनमें भी जो सबसे बड़ा पत्थर है वो मेरा है

अब किनारे पर है तो उतर भी जाएंगे अंदर
तुम पता तो करो कि पानी कितना गहरा है

अँधेरे में न जाने किसका हाथ पकड़े हो
मरीजों पर वेद, हाकिमों का चेहरा है

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परिचय :-
नाम : जयंत मेहरा
जन्म : ०६.१२.१९९४
पिता : श्री दिलीप मेहरा
माता : श्रीमती रुक्मणी मेहरा
निवासी : उज्जैन (म.प्र)
सम्प्रति : वर्तमान में कनिष्क कार्यपालक अधिकारी (इंजीनियरिंग – सिविल डिपार्टमेंट) भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सेलम हवाईअड्डे पर पदस्थ
शिक्षा : बी.ई. (सिविल इंजीनियरिंग) २०१६, एम .टेक – (Geotechnical Engineering ) २०१८ भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से


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