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फर्क

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रचयिता : सुषमा दुबे

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बेटी के साथ हुई ज्यादती कि रिपोर्ट लिखवाने पहुचे पिता -पुत्री से थानेदार ने उल जुलूल प्रश्न करना शुरू कर दिए। लड़की का पिता ने कई सवालों के जवाब में सर झुका लिया। फिर शुरू हुआ प्रवचन का सिलसिला, अरे आजकल कि लड़कियां मौज मस्ती के लिए लड़को से दोस्ती करती है, जब बात नहीं बनती इल्जाम लगा देती है………… कहकर एक लम्बा चौड़ा लेक्चर दे दिया।
दोनों बाप-बेटी सर झुकाये उसकी बाते सुनते रहे।
तभी थानेदार लड़की के पिता की और मुखातिब होकर बोला -“धिक्कार है तुम्हे जो ऐसी बेटी को जन्म दिया, इसकी जगह यदि मेरी बेटी होती तो तो मैं पुलिस थाने में आने कि जगह उसे आग लगा कर ख़त्म कर देता।
अब तक चुपचाप सुनती रही लड़की ने मुहं खोला वह थानेदार से बोली -“सर एक बात पूछूँ ?”
“हाँ -हाँ पूछ ”
“आपने तो कह दिया कि आपकी बेटी ऐसा काम करती तो आप उसे ख़त्म कर देते”
“और नहीं तो क्या आरती उतारता उसकी ?”
“लेकिन सर अगर उस लड़के कि जगह आपका बेटा होता, तब भी ऐसा ही करते आप ?”
अब सर नीचा करने कि बारी थानेदार की थी।

लेखिका का परिचय :- नाम – सुषमा दुबे ( साहित्यकार, संपादक और समाजसेवी ) इंदौर
जन्म – ९ मार्च १९७०
शिक्षण- बेचलर ऑफ साइंस, बेचलर ऑफ जर्नलिज्म, डिप्लोमा इन एक्यूप्रेशर।

संप्रति आल इण्डिया रेडियो, इंदौर में आकस्मिक उद्घोषक। कुछ पत्रिकाओं में सम्पादक/ सहसंपादक और स्तम्भ लेखिका, श्रीगौड़ समाज की उपाध्यक्ष, प्रेसिडेंट अक्षय वेलफ़ेयर सोसाइटी (वुमेन एंड चाइल्ड वेलफ़ेयर ब्रांच ), समाचार पत्रों/पत्रिकाओं एवं स्थानीय पत्र/ पत्रिकाओं में 700 से अधिक आलेखों, कहानियों, लघुकथाओं कविताओं, व्यंग्य रचनाओं एवं सम सामयिक विषयों पर रचनाओं का प्रकाशन, राज्य संसाधन केंद्र, इंदौर से नवसाक्षरों के लिए बतौर लेखक 15 से ज्यादा पुस्तकों का प्रकाशन, राज्य संसाधन केंद्र में बतौर संपादक/ सहसंपादक 35 से अधिक पुस्तकों का लेखन, पुनर्लेखन एवं सम्पादन, नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली से नवसाक्षरों हेतु एक पुस्तक प्रकाशित, दैनिक दबंग दुनिया, इंदौर मे बतौर फीचर एडिटर महिला, स्वास्थ्य ,सामाजिक विषयों, बाल पत्रिकाओ, सम सामयिक विषयों एवं फिल्म साहित्य पर लेखन एवं सम्पादन।

म. प्र. शासन की योजना “सांझी सेहत अभियान” के ऑनलाइन न्यूजलेटर “सांझी सेहत हमारी कहानियां” का संपादन बतौर प्रधान संपादक, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में स्क्रिप्ट लेखन, रेडियो रिपोर्ट्स लेखन दूरदर्शन एवं आकाशवाणी केन्द्रों से कई हिन्दी और मालवी रचनाओं का प्रसारण, नव साक्षर अध्ययन सामग्री निर्माण में प्रवीणता हासिल, महिला एवं किशोरावस्था विषय पर लेखन का विशेष अनुभव। कई लेखन कार्यशालाओं में शिरकत, माध्यमिक विद्यालय में बतौर प्राचार्य 12 वर्षों का अनुभव, बच्चो, किशोरों एवं महिलाओं हेतु निशुल्क एक्यूप्रेशर तथा परामर्श केंद्र का संचालन ।

पुरस्कार – “राष्ट्रीय अभिव्यक्ति गौरव सम्मान,नागदा “राष्ट्रीय साहित्य कीर्ति एवं शिखर अलंकरण,भोपाल” “वुमन ऑफ द इयर (राष्ट्रीय सम्मान)” एवं “सोना देवी गौरव (राष्ट्रीय) सम्मान, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश, कोठारी कालेज, इंदौर द्वारा “नारायणी विशिष्ट महिला सम्मान”, “अंतरा शब्द शक्ति सम्मान” इंदौर, अर्चना साहित्यिक संस्था, महू द्वारा “अर्चना साहित्य सम्मान”, इंदौर की कई सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओ द्वारा अनेक सम्मान।

विशेष- मालवी बोली के प्रचार – प्रसार हेतु प्रयासरत, मालवी में लेखन, अभिनय कई मंचीय कवि सम्मेलनों और साहित्यिक गोष्ठियों में शिरकत, अनेक सभाओं के संचालन का अनुभव, नईदुनिया, इंदौर के नायिका मंच पर प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधन, इंदौर लेखिका संघ की प्रचार मंत्री, इंदौर की कई साहित्यिक/सामाजिक संस्थाओ की सदस्य। सामाजिक कार्यों एवं गतिविधियों में विशेष रुचि।

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धन्यवाद। संस्थापक-सम्पादक

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